शुक्रवार, 26 नवंबर 2021

संविधान दिवस

हम भारतीय हरेक साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाते है,आखिर क्यों..??

जबकि 70% भारतीय ये तक अच्छी तरह से नही जानते कि, आखिर संविधान है क्या..?? और इसकी महत्वता क्या है..??मगर हम फिर भी संविधान दिवस मना रहे है,क्यों क्योंकि हम संविधान को जान सकें।।

भला हो भारतीय जनता पार्टी का या फिर कहें मोदी जी का जिन्होंने बहुत बड़े वर्ग को संविधान शब्द से अवगत कराया क्योंकि सर्वप्रथम उन्होंने ही संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ॰ भीमराव आंबेडकर के 125वें जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में 26 नवम्बर 2015 को पहली बार संविधान दिवस सम्पूर्ण भारत में मनाया गया  तथा 26 नवम्बर 2015 से प्रत्येक वर्ष सम्पूर्ण भारत में संविधान दिवस मनाया जा रहा है।

संविधान है क्या..??

संविधान एक शब्द नही बल्कि एक दस्तावेज है जिसके माध्यम से कोई भी देश के शासक-प्रशासक अपने देश को चलाते है, एवं नियम कानून बनाते है।ये सिर्फ संविधान का एक हिस्सा भर है।


भारतीय संविधान का निर्माण

-भारतीय संविधान के निर्माण में कोई भी बात शामिल बहुमत से नही बल्कि पूर्णमत से किया गया था। 

-भारत के हरेक क्षेत्र के राजे-रजवाड़े ऐवं बुद्धिजीवियों को संविधान निर्माण में शामिल किया गया क्योंकि भारत की विविधता विशालकाय था/है।

-भारतीय संविधान के निर्माण में 60 देशों के संविधानों का अध्ययन किया गया,और उसे भारत के परिपेक्ष्य के हिसाब से शामिल किया गया।

-भारत के संविधान के निर्माण में 2 वर्ष 11 महीना 18 दिन लगे,और इसके निर्माण कार्य में 64 लाख खर्च हुआ।

-4 नवंबर 1948 को संविधान का अंतिम प्रारूप पेश किया गया और हरेक पहलू पर 5 दिनों तक चर्चा हुई। 

-15 नवंबर 1948 से 17 ऑक्टोबर 1949 तक संविधान पर दूसरी बार चर्चा हुई और 7653 संसोधन प्रताव पारित किया ।

-संविधान के प्रारूप प्रस्ताव को 26 नवंबर 1949 को पारित किया गया,उस समय संसद में 299 सदस्य में से 284 उपस्थित थे।


भारतीय संविधान निर्माण में चुनौतियां

भारतीय संविधान निर्माण में संविधान सभा के समक्ष अनेक चुनौतियां मौजूद था- 

-सर्वप्रथम भारत की विशालता और विविधता।

-सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासत का संरक्षण एवं

- भारत में रहने वाले हरेक लोगों का हितों का संरक्षण।

हमारे संविधान निर्माताओं ने इन सब चुनौतियों को स्वीकार कर एक शानदार संविधान का निर्माण किया जो दिन-प्रतिदिन राष्ट्र की प्रगति में अपना योगदान दे रहा है,जबकि हमारे साथ ही आजाद हुए कई देशों का हश्र बुरा हो गया और हो रहा है..।।


भारतीय संविधान नकल मात्र है..??

कुछ लोग कहते है कि भारतीय संविधान नकल मात्र है,ये वो लोग है जिन्हें रति भर सोचने समझने की शक्ति नही है। हां हमने कुछ देशों से अच्छी चीजें ली है जो हमारे अनुकूल थी और कुछ चीजों को हमने ठुकरा दिया जो हमारे अनुकूल नही था।।

पाश्चात्य संविधान विशेषज्ञ ग्रेनविल ऑस्टिन भारतीय संविधान की तीन विशेषता बताते है-

1.सभी निर्णय सर्वसम्मति से लिये गए।

2.समायोजन और

3.परिवर्तन के साथ चयन की आजादी।


भारतीय संविधान की विशेषता..

-भारतीय संविधान सबसे लंबा लिखित संविधान है। 

- सक्ता की अंतिम शक्ति जनता के हाथ में है ।

-उद्देशिका

-लोकतंत्रात्मक और गणतंत्रात्मक व्यवस्था।

-समाजवाद और पंथनिरपेक्ष।

-मूल अधिकार/नीति-निर्देशक-तत्व/मूल कर्तव्य

-एकात्मक और संघात्मक का मिश्रण।

ये सब खुबिया मिलकर एक बेहतर संविधान बना, जो आज भारत को फिर से अग्रणी राष्ट्र बनाने को बैचैन है। मगर अफसोस हम संविधान शब्द से अवगत ही नही है,जो शब्द से अवगत है वो सविधान के बातों से नही,जो संविधान के बातों से अवगत है वो उन रहस्यों से अवगत नही है, जिसमे एक बेहतर राष्ट्र बनने का रहस्य छुपा हुआ है।।

संविधान ने हमें क्या दिया..??

सोचियेगा... दिमाग नही चल रहा है तो अपने आस-पास के देशों को देखिए.. तब आपको अहसास होगा कि हमें संविधान ने क्या दिया।। हम जितने बेहतर से संविधान को जानेंगे उतना ज्यादा हमें संविधान से मिलेगा..।।


रविवार, 19 सितंबर 2021

कुछ भी हो सकता है..

 अभी एक घटना देखी,जिसे देख कर मैं सोच में पड़ गया।

किसी को भी अंतिम क्षण तक उम्मीद नही छोड़ना चाहिए,क्योंकि कुछ भी हो सकता है..।।
घर के छत पे 2 गिरगिट एक फतिंगा का पीछा कर रहे थे,मैं ये सोच रहा था कि ये फतिंगा कंही और उड़ के भाग क्यों नही जा रहा है,मैं सोच ही रहा था कि तबतक एक गिरगिट ने उसे अपने मुंह मे जकड़ लिया।तब तक दूसरा गिरगिट भी उसके पास आ गया और कुछ क्षण के बाद उसने भी फतिंगा का दूसरा सिरा अपने मुंह मे दबोच लिया।।
अब तो ऐसा लगा की अब काम तमाम है,मगर अगले ही क्षण दोनों गिरगिट की पकड़ कमजोर होते ही वो फतिंगा इतनी तेजी से भागा की में देखते ही रह गया..।।
ये देख कर मेरे मन में ख्याल आया कि प्रयास कभी नही छोड़ना चाहिए,तब तो और जब उम्मीद बिल्कुल ही न बची हो..।।क्योंकि जिंदगी में कुछ भी हो सकता है..।