इस कहानी में अभी तक खरगोश जीत नही पाया है..
आखिर क्यों..??
कभी इस और ध्यान गया है..आखिर क्यों हर बार खरगोश ही हार रहा है..
क्योंकि वो खुद को बदलना नही चाहता..
उसे हर बार लगता है की वो बीच मे आराम करके फिर से दौड़कर जीत जाएगा..मगर वो हर बार इसी तरह से हारता है..।।
हम मनुष्य का भी तो यही हाल है..
हम हर बार हारते है..
मगर खुद को बदलना नही चाहते..।।
क्यों..??
क्योंकि खुद के अंदर बदलाव लाना सबसे मुश्किल कार्य है..।
हम दूसरों पर प्रभाव डालने के लिए अपने अंदर बदलाव तो लाते है..
मगर जो कमियां हमारे अंदर है,जिसे मेरे सिवा कोई नहीं जानता, उसे दूर करने का हम प्रयास नही करते..अगर करते भी है तो निरर्थक प्रयास करते है..।।
क्योंकि हमें उन कमियों की आदत हो गई है,या फिर कह सकते है कि हमारी कमियां इतना विराट हो गई है कि हम उससे हर बार निरर्थक प्रयास करके हार जाते है..।
क्या उससे जीता नही जा सकता..??
अगर वोटिंग कराया जाए तो 100% हां में ही जबाब आएगा..
मगर जब उसे अमल में लाने की बात हो तो 95% लोग असफल हो जाते है..।
सिर्फ 5% लोग ही अमल में ला पाते है..
और वही 5% लोग दुनिया को अपने अनुरूप चलाते है..।।
क्या हम उस 5% में नही आ सकते..?
क्यों नहीं..
सिर्फ उन कमियों को दूर करके जिसे सिर्फ हम जानते है..
चलिए आज से शुरू करते है...
सबसे पहले अपने कमियों को लिखते है..
हमारी कमियां हमारे अच्छाइयों से कम ही है..😊
मगर हमारी कमियां सिर्फ हमारे अच्छाइयों पे ही हावी नही बल्कि पूरे जीवन पर हावी हो जाता है..।।
चलिए उसे दूर करते है..
और इस बीतते हुए साल के साथ अपने कमियों को भी अलविदा कहते है..
और नए वर्ष में नया शुरुआत करते है😊..।।
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