रविवार, 19 सितंबर 2021

कुछ भी हो सकता है..

 अभी एक घटना देखी,जिसे देख कर मैं सोच में पड़ गया।

किसी को भी अंतिम क्षण तक उम्मीद नही छोड़ना चाहिए,क्योंकि कुछ भी हो सकता है..।।
घर के छत पे 2 गिरगिट एक फतिंगा का पीछा कर रहे थे,मैं ये सोच रहा था कि ये फतिंगा कंही और उड़ के भाग क्यों नही जा रहा है,मैं सोच ही रहा था कि तबतक एक गिरगिट ने उसे अपने मुंह मे जकड़ लिया।तब तक दूसरा गिरगिट भी उसके पास आ गया और कुछ क्षण के बाद उसने भी फतिंगा का दूसरा सिरा अपने मुंह मे दबोच लिया।।
अब तो ऐसा लगा की अब काम तमाम है,मगर अगले ही क्षण दोनों गिरगिट की पकड़ कमजोर होते ही वो फतिंगा इतनी तेजी से भागा की में देखते ही रह गया..।।
ये देख कर मेरे मन में ख्याल आया कि प्रयास कभी नही छोड़ना चाहिए,तब तो और जब उम्मीद बिल्कुल ही न बची हो..।।क्योंकि जिंदगी में कुछ भी हो सकता है..।