गुरुवार, 30 मार्च 2023

आप भी बन सकते है राम..??

आप भी बन सकते है राम...
कैसे..??



राम पूजनीय है...  आखिर क्यों...??                              आपने कभी सोचा... की आखिर राम इतने पूजनीय क्यों है..?  क्योंकि उन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी से किया..  क्या हम कर रहे...??

सिर्फ कुछ गुण जो श्रीराम में था/है, उसे अपना कर आप भी राम बन सकते है...।। 

चलिए खुद को परखते है.. क्या वो गुण है हममें-                               
1. क्या हम अपने माता-पिता का सम्मान करते है..??
          अगर हां, तो ठीक है, अगर न में जबाब है तो सोचिए, क्या आपको राम को पूजने का अधिकार है..??                             हो सकता है कुुुछ लोग का तर्क हो कि पिता भी दशरथ जैसा  होना चाहिए..?? आपके पिता के जीवन मे दशरथ से ज्यादा संघर्ष है..।।

2. क्या हम स्त्रियों का सम्मान करते है..??                        राम ने सिर्फ अपनी पत्नी के लिए ही नही युद्ध लड़े, बल्कि एक स्त्री के सम्मान के लिए भी..।। वो राजकुमार थे,वो चाहते तो अपने पिता की तरह ही दूसरी शादी कर सकते थे। मगर उन्होंने नही किया..।। 

हम आज भी स्त्री को वो अधिकार नही देते, जिसकी वो हक़दार है। 

अगर आप भाई है.. तो क्या आप अपने बहन को वो सब करने देंगे, जो आप कर रहे है..??                                               अगर आप पति है, तो क्या आप अपनी पत्नी को वो सब करने देंगे जो आप कर रहे है..??                                                   अगर आप पिता है, तो क्या आप अपने बेटी को वो सब करने देंगे,जो आप अपने बेटे को करने दे रहे है।      

3. अपने समाज की भलाई के लिए त्याग से पीछे न हटें।      त्याग ही इंसान को महानता की ऊंचाइयों पे पहुँचाता है.. राम को,राम उनका त्याग ने बनाया। उन्होंने अपने समाज को बिखरने से बचाने के लिए अपने पत्नी का त्याग किया..। क्या आपमें और हममें वो साहस है..?? 

4. हरेक परिस्थिति में नम्रता और धैर्य बनाये रखें।                       
5. अपने सफलता का श्रेय सबको दे..।                             राम ने अपने जीत का श्रेय सबको दिया..। हमारे जीवन में भी हमारे सफलता का बहुतों का योगदान होता है। मगर हम भूल जाते है..।। जरा सोचिए..?? अगर आपको अच्छा समाज, अच्छा शिक्षक, अच्छा दोस्त, अच्छा परिवार न मिला होता तो क्या होता..??

6. परिस्थितियां भले ही कितनी विपरीत हो,मगर अपने लक्ष्य से कभी विचलित न हो..।।

क्या रावण से कभी राम युद्ध जीत सकते थे..???               रावण राम से हरेक चीज में अव्वल था, आर्थिक,शारीरिक,सामाजिक,सांस्कृतिक हरेक चीज में, मगर राम इन सबको देखकर घबराए नही, क्योंकि उन्हें अपना लक्ष्य पता था..।।

क्या हमें अपना लक्ष्य पता है..???

अगर हां, तो आप अपने समार्टफोन का अपने लक्ष्य को हासिल करने में कितना सहयोगी मानते है..?? और कितना बाधक..??

राम अपने प्रति ईमानदार थे, क्या आप अपने प्रति ईमानदार है..??

क्या हुआ आपकी आधी उम्र यू ही गुजर गई तो..              आधी तो अभी बांकी है,इसे स्वर्णिम बनाइये..।।          राम भी,श्रीराम अपनी आधी उम्र गुजारने के बाद बने थे..।

इस रामनवमी में सिर्फ राम को पूजे नही , उनसे कुछ सीखे..

कुछ सीखे या न सीखे ... सिर्फ ऊपर की दो बातों को गांठ बांध लें आप भी राम बन जाएंगे..।। अपने माता-पिता का सम्मान करें, और साथ ही स्त्री का भी ..।।


रविवार, 26 मार्च 2023

लोग बैचैन है.. क्यों..??

 लोग बैचैन है... 

क्यों..???

क्योंकि वो खाली है..।।                                                और वो अपने खालीपन को भरने के लिए बेचैन है...



इसीलिए तो वो कभी कुछ-कभी कुछ करने में व्यस्त है, कभी फेसबुक,कभी इंस्टाग्राम,कभी यूट्यूब,कभी हॉटस्टार,कभी नेटफ्लिक्स पे अपना समय जाया कर रहे होते है..।।

हमें लगता है कि वो अपना समय बर्बाद कर रहे है....         मगर वास्तिवकता ये है कि, वो अपना खालीपन भरने के लिए बेचैन है..।। कितने लोग तो ताउम्र गुजार लेते है मगर उनका खालीपन कभी भर नही पाता..।।

जब तक आपका खालीपन नही भरेगा तबतक आप बैचैन रहोगे,आप वो सब करोगे जो आप करना नही चाहते,मगर आप मजबूर है क्योंकि आपको अपना खालीपन जो भरना है..।

 कभी आपने लूडो या पजल खेला है...??                            आपने देखा होगा कि जबतक सही नंबर नही आता तबतक आपको खेलना होता है.. ज्योही सही नंबर मिल जाये ,आप जीत जाते है,और खेल समाप्त ..।।      

  


  उसी तरह जब आपके जिंदगी में सही नंबर,मतलब सही उद्देश्य का पता चल जाएगा त्योंही आपकी सारी बेचैनियां दूर हो जाएगी.. आप जंहा-तहां जो भटक रहे है, वो भटकन समाप्त हो जाएगी। अपने खालीपन को भरने के लिए अपने उद्देश्य को ढूंढे.. जिस रोज आपका अपना उद्देश्य मिल जाएगा,आप अनेक झंझटों से मुक्त हो जाओगे...।।                                           

अपने उद्देश्य को कैसे जाने..???                                        आसान नही है... मगर मुश्किल भी नही है..                           प्रकृति का स्वभाव क्या है..??                                         प्रकृति का स्वभाव देने का है..            

-क्या इसमें से कोई लक्षण आपमें है-

●सोचे क्या आप जो कर रहे है,उससे आपको संतुष्टि मिल रही. ●आप जो कर रहे है,क्या वो सही है..?                                ●आप जो कर रहे है,क्या इससे किसी की जिंदगी में बदलाव आ रहा है..या आएगा??                                              ●क्या आपके जिंदगी में अभी भी,करुणा,दया का भाव उपस्थित है..।

अगर हां,तो आपका खालीपन भर गया होगा,या भर रहा होगा..और आप अपने उद्देश्य की और अग्रसर हो रहे है..।        मगर अफसोस कि अक्सरहां का जबाब "ना" में होगा.. इसीलिये आप बैचैन है..।

बदलाव प्रकृति का स्वभाव है,मगर खुद में अच्छा बदलाव लाना महानता का स्वभाव है..।।                                       अगर आप अपने आप को बदल सकते है,तो आप अपने खालीपन को भी भर सकते है..।।