लोग बैचैन है...
क्यों..???
क्योंकि वो खाली है..।। और वो अपने खालीपन को भरने के लिए बेचैन है...
इसीलिए तो वो कभी कुछ-कभी कुछ करने में व्यस्त है, कभी फेसबुक,कभी इंस्टाग्राम,कभी यूट्यूब,कभी हॉटस्टार,कभी नेटफ्लिक्स पे अपना समय जाया कर रहे होते है..।।
हमें लगता है कि वो अपना समय बर्बाद कर रहे है.... मगर वास्तिवकता ये है कि, वो अपना खालीपन भरने के लिए बेचैन है..।। कितने लोग तो ताउम्र गुजार लेते है मगर उनका खालीपन कभी भर नही पाता..।।
जब तक आपका खालीपन नही भरेगा तबतक आप बैचैन रहोगे,आप वो सब करोगे जो आप करना नही चाहते,मगर आप मजबूर है क्योंकि आपको अपना खालीपन जो भरना है..।
कभी आपने लूडो या पजल खेला है...?? आपने देखा होगा कि जबतक सही नंबर नही आता तबतक आपको खेलना होता है.. ज्योही सही नंबर मिल जाये ,आप जीत जाते है,और खेल समाप्त ..।।
उसी तरह जब आपके जिंदगी में सही नंबर,मतलब सही उद्देश्य का पता चल जाएगा त्योंही आपकी सारी बेचैनियां दूर हो जाएगी.. आप जंहा-तहां जो भटक रहे है, वो भटकन समाप्त हो जाएगी। अपने खालीपन को भरने के लिए अपने उद्देश्य को ढूंढे.. जिस रोज आपका अपना उद्देश्य मिल जाएगा,आप अनेक झंझटों से मुक्त हो जाओगे...।।
अपने उद्देश्य को कैसे जाने..??? आसान नही है... मगर मुश्किल भी नही है.. प्रकृति का स्वभाव क्या है..?? प्रकृति का स्वभाव देने का है..
-क्या इसमें से कोई लक्षण आपमें है-
●सोचे क्या आप जो कर रहे है,उससे आपको संतुष्टि मिल रही. ●आप जो कर रहे है,क्या वो सही है..? ●आप जो कर रहे है,क्या इससे किसी की जिंदगी में बदलाव आ रहा है..या आएगा?? ●क्या आपके जिंदगी में अभी भी,करुणा,दया का भाव उपस्थित है..।
अगर हां,तो आपका खालीपन भर गया होगा,या भर रहा होगा..और आप अपने उद्देश्य की और अग्रसर हो रहे है..। मगर अफसोस कि अक्सरहां का जबाब "ना" में होगा.. इसीलिये आप बैचैन है..।
बदलाव प्रकृति का स्वभाव है,मगर खुद में अच्छा बदलाव लाना महानता का स्वभाव है..।। अगर आप अपने आप को बदल सकते है,तो आप अपने खालीपन को भी भर सकते है..।।
Keep writing. Good thoughts.
जवाब देंहटाएं