रविवार, 12 मई 2024

माँ..

माँ..
मैं किसे कहु माँ..
जिसने मुझे जन्म दिया..
या जिस-जिस ने निःस्वार्थ स्नेह किया..??



नहीं..
जिस-जिस ने निःस्वार्थ स्नेह किया..
काश उन सबको कह सकू माँ..

मेरी दादी जो मुझसे असीम स्नेह करती है..
मेरी बुआ/चाची जो मुझे लाड़-प्यार करती है..
मेरी बहनें जो मेरे हिस्से का दुःख भी सहन करती है..
मेरी भांजिया/भतीजियां जो अपनी मुस्कान से मेरे सारे परेशानियां दूर कर देती है..

माँ..
मैं,ऋणी हूँ, इनसबका कभी उऋण नही हो पाऊंगा..

माँ..
मैं किसे कहु माँ..??
जिसने मुझे जन्म दिया..
या जिस-जिस ने निःस्वार्थ स्नेह किया..??

इस धरा का क्या..
जिसे जन्म से लेकर, अभी तक पाँवो से रौंद रहा हूँ..
उन पेड़-पौधों,पर्वत-पठार,नदी-झरने,सूर्य और चांद का क्या...??
जो मेरे जीवन को सवांर रहे है..
इस प्रकृति का क्या...??
जो मेरी आवाज को सिर्फ सुन ही नही रहा,
बल्कि मेरी इच्छाओं को पूर्ति करने में भी योगदान दे रहा है..

माँ..
मैं किसे कहु माँ..
जिसने मुझे जन्म दिया..
या जिस-जिस ने निःस्वार्थ स्नेह किया..??

माँ..
आपका स्थान कोई और नही ले सकता है...
क्योंकि मेरे जनते वक़्त..
जो पीड़ा आपने सही,वो कोई और कैसे सह सकता है..
बचपन में, मेरे झूठे रुआंसी को आपके सिवा और कोई नही पहचान सकता था..
अभी भी आपको याद करते ही,आपका फ़ोन आ जाना..
ये चमत्कार और कोई नही कर सकता है..
माँ आपका स्थान कोई और नही ले सकता है..
क्योंकि आपका स्नेह कभी नही बंटता..
बाकी सबका समय के साथ बंट जाता है...

माँ..
मैं किसे कहु माँ..
जिसने मुझे जन्म दिया..
या जिस-जिस ने निःस्वार्थ स्नेह किया..??






शुक्रवार, 10 मई 2024

वो जिंदगी भी..

वो जिंदगी भी जिंदगी क्या..
जिस जिंदगी में संघर्ष ना हो..
वो संघर्ष भी संघर्ष क्या..
जिस संघर्ष में,
अस्तित्व दांव पर न लगा हो..
वो जिंदगी भी जिंदगी क्या..
जिस जिंदगी में संघर्ष ना हो..।।



यंहा कौन है..??
जिसके जीवन में संघर्ष नही..
अगर कोई है..
तो उसका जीवन भी क्या जीवन है..
जिसके जीवन मे संघर्ष नही..

संघर्ष ही तो मनुष्य को निखारता है..
और निखारकर एक नया स्वरूप प्रदान करता है..
सिर्फ इतिहास ही नहीं,
वर्तमान भी भरी-पड़ी है..
संघर्षों की गाथाओं से..
जिसका संघर्ष जितना बड़ा था..
उसने उतनी बड़ी छाप छोड़ी...

तो फिर हम क्यों संघर्ष से भाग रहे है..??
हमें तो, अपने संघर्षों का आलिंगन करना चाहिए..
क्योंकि ये संघर्ष ही तो हमें निखारकर..
एक नई पहचान देगी..

वो जिंदगी भी जिंदगी क्या....
जिस जिंदगी में संघर्ष ना हो..