"सफलता और असफलता"
इन दोनों शब्द के अलग-अलग मायने है,
इन्ही के कारण कोई अब्राहम लिंकन बना तो कोई नेपोलियन बोनापार्ट।अगर अब्राहम लिंकन असफल न होते और नेपोलियन सफल न होते तो दुनिया उन्हें कभी नही जानती।।
ये दोनों शब्द हरेक इंसान के लिए अलग-अलग तरह के है,क्योंकि हरेक इंसान इसे अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल करता है।
कोई सफल होके भी असफल हो जाता है,तो कोई असफल होके भी सफल हो जाता है।
क्योंकि ये इसपर निर्भर करता है कि आप अपने जीवन मे सफल होना चाहते है या असफल।।निर्णय तो खुद ही करना है।।
आपने देखा होगा जब तक आप सफल होते रहेंगे तब तक लोग आपके आस-पास रहेंगे और आपका सहयोग करेंगे,ओर ज्योही आप असफल होने लगेंगे त्योंही लोग आपसे दूर होने लगेंगे,ज्यो-ज्यों आपकी असफलता बढ़ती जाएगी त्यों-त्यों लोग आपसे दूरियां बढ़ाते जाएंगे,ओर एक समय ऐसा आएगा जब आपके अपने भी आपसे दूर होने लगेंगे।।
इसलिए अगर सबको साथ लेकर चलना हो,तो सफल होना ही पड़ेगा।।
असफलता अगर पहली बार हासिल हो तो सबकी सहानुभूति आपके साथ रहेगी,मगर ज्यों-ज्यों असफलता बढ़ती जाएगी त्यों-त्यों सहानुभूति घटती जाएगी,ओर एक समय ऐसा आएगा जब लोग क्या अपने भी मुह फेरने लगेंगे,साथ ही आपको खरी-खोटी सुनाने लगेंगे।
मगर क्या कोई खरी-खोटी सुनना पसंद करेगा बिल्कुल नही,अगर वो समझदार होगा तो वो फिर से मैदान में उतरेगा ओर सफलता को चूमेगा,अगर वो ऐसा नही करेगा तो वो ओर गर्त में गिर जाएगा,अगर अपनी असफलता को नही समझेगा तो।
असफलता से मत घबराये क्योंकि इसके लिए हम खुद जिम्मेवार है,कंही भूल हुई है कंही चूक हुई है,इसीलिए तो असफलता हाथ लगी है,उस चूक को ढूंढ कर उसे दूर करें और अपनी असफलता को सफलता में परिणित करें।।
इन दोनों शब्द के अलग-अलग मायने है,
इन्ही के कारण कोई अब्राहम लिंकन बना तो कोई नेपोलियन बोनापार्ट।अगर अब्राहम लिंकन असफल न होते और नेपोलियन सफल न होते तो दुनिया उन्हें कभी नही जानती।।
ये दोनों शब्द हरेक इंसान के लिए अलग-अलग तरह के है,क्योंकि हरेक इंसान इसे अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल करता है।
कोई सफल होके भी असफल हो जाता है,तो कोई असफल होके भी सफल हो जाता है।
क्योंकि ये इसपर निर्भर करता है कि आप अपने जीवन मे सफल होना चाहते है या असफल।।निर्णय तो खुद ही करना है।।
आपने देखा होगा जब तक आप सफल होते रहेंगे तब तक लोग आपके आस-पास रहेंगे और आपका सहयोग करेंगे,ओर ज्योही आप असफल होने लगेंगे त्योंही लोग आपसे दूर होने लगेंगे,ज्यो-ज्यों आपकी असफलता बढ़ती जाएगी त्यों-त्यों लोग आपसे दूरियां बढ़ाते जाएंगे,ओर एक समय ऐसा आएगा जब आपके अपने भी आपसे दूर होने लगेंगे।।
इसलिए अगर सबको साथ लेकर चलना हो,तो सफल होना ही पड़ेगा।।
असफलता अगर पहली बार हासिल हो तो सबकी सहानुभूति आपके साथ रहेगी,मगर ज्यों-ज्यों असफलता बढ़ती जाएगी त्यों-त्यों सहानुभूति घटती जाएगी,ओर एक समय ऐसा आएगा जब लोग क्या अपने भी मुह फेरने लगेंगे,साथ ही आपको खरी-खोटी सुनाने लगेंगे।
मगर क्या कोई खरी-खोटी सुनना पसंद करेगा बिल्कुल नही,अगर वो समझदार होगा तो वो फिर से मैदान में उतरेगा ओर सफलता को चूमेगा,अगर वो ऐसा नही करेगा तो वो ओर गर्त में गिर जाएगा,अगर अपनी असफलता को नही समझेगा तो।
असफलता से मत घबराये क्योंकि इसके लिए हम खुद जिम्मेवार है,कंही भूल हुई है कंही चूक हुई है,इसीलिए तो असफलता हाथ लगी है,उस चूक को ढूंढ कर उसे दूर करें और अपनी असफलता को सफलता में परिणित करें।।