मंगलवार, 20 दिसंबर 2022

तस्वीर बहुत कुछ बयां करती है..

 ये तस्वीर बहुत कुछ बयां करती है...



अगर आप युवा है- 
तो आप इनसे सीख सकते है कि परिस्थितियां भले ही कैसी हो हिम्मत नही हारना है,हरेक परिस्थितियों से लड़ना है,भागना नही है।
गीता में भी कृष्ण कहते है-
"कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।



 मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि"।।2.47।।

कहने का तात्पर्य ये है कि हमारा सिर्फ कर्म करने का अधिकार है,उसके परिणाम के ऊपर हमारा कोई अधिकार नही है,हम अपने इच्छानुसार परिणाम नही बदल सकते हम जब अपने जीवन मे असफल होने लगते है तो हमारी कार्य के प्रति आसक्ति नही रह जाती जिस कारण जीवन और दुखमय हो जाता है।।

इसीलिए परिस्थितियां भले ही कितनी ही बुरी क्यों न हो हमें कर्म करना ही चाहिए..।।


ये तस्वीर दांपत्य जीवन के बारे में भी बहुत कुछ बयां करता है..

हरेक रोज हजारों जोड़ियां टूट रही है क्यों..??

क्योंकि शादियां अब संबंध नही जरूरत बन गयी है..।जब तक जरूरत पूरी होती रहती है तब-तक शादियां टिकी रहती है,जब जरूरत पूरी नही होती तो शादियां टूट जाती है।।

कहा जाता है कि-

 "दाम्पत्यम् अनुकूलं चेत् किं स्वर्गस्य प्रयोजनम्।
  दाम्पत्यं प्रतिकूलं चेत् नरकं किं गृहम् एव तत्"॥

अगर दांपत्य जीवन अनुकूल हो तो स्वर्ग की कोई जरूरत नही है,अगर अनुकूल न हो तो घर ही नरक बन जाता है।

अगर पति का कर्तव्य है कि वो पत्नी की जरूरत को पूरा करें, तो पत्नी का भी कर्तव्य है कि वो अपने पति के साथ विपरीत परिस्थितियों में कदम-से-कदम मिला के चले।।

हम अपने इतिहास को ही नही बल्कि अपनी संस्कृति को भी भूल गए है।

-जिस कैकय-दशरथ, राम-सीता, सतीअनसुइया का महिमामंडन पौराणिक काल मे किया गया था। अब लोग उसे भूल गए है।।

ये तस्वीर बहुत कुछ बयां कर रहे है.. इन्हें शब्दों से बयां किया ही नही जा सकता है।


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