क्या आपको पता है..??
महिलाओं के ऊपर ज्यादती गर्भ में आते ही शुरू हो जाती है..
जब बच्चा गर्भ में आता है तो लोग मन्नते मांगते है कि बेटा ही हो..
भले ही आप अपने आप को कितना भी आधुनिक विचार वाले क्यों न माने, मगर दबे मन से आपका भी चाह बेटे का ही होगा..
मगर कुछ लोग है जो इन धारणाओं को तोड़ रहे है..
मगर सच कहूं तो उसमें जितना योगदान उनका है, उतना ही योगदान हमारे अर्थव्यवस्था का भी है..
आज अर्थव्यवस्था बहुत कुछ निर्धारित कर रही है..।।
सच कहूं तो महिलाओं की स्थिति कंही भी अच्छी नही है..
अगर आपको कंही लग रहा हो..
तो उसके पीछे सबसे बड़ा कारण महिलाओं की खुद की आत्मनिर्भरता है..
पूरे विश्व मे उन्ही महिलाओं की स्थिति बहुत हद तक अच्छी है जो आर्थिक रूप से समृद्ध है..
जिन देशों में महिलाओं की स्थिति अच्छी है वंहा की महिला शिक्षित होने के साथ आर्थिक रूप से संबल है..
और वो महिलाएं देश की नई ऊंचाइयों पे ले जा रही है..
आज भी उन विकसित देशों में महिलाएं की स्थिति दयनीय है जो आत्मनिर्भर नही है..
हमारे देश में आज भी महिलाओं की स्थिति अच्छी नही है..
क्योंकि हमारी सोच आज भी नही बदली है,जब तक हम अपनी सोच नही बदलेंगें तबतक महिलाओं की स्थिति में सुधार नही आएगी..
आपको क्या लगता है..आपकी सोच कैसी है..
क्या आपकी सोच भी पितृसत्तात्मक ही है..
अच्छा इस सवाल का जबाब दीजिए...
- A,B का पुत्र है..तो दोनों में क्या रिस्ता है..??
शायद आपने जवाब ढूंढ लिया होगा..
आपका जबाब शायद ये होगा कि दोनों के बीच पिता-पुत्र का रिस्ता है.. तो शायद आपकी सोच अभी भी नही बदली है क्योंकि B माता भी हो सकती है..।।
क्या आपको पता है हड़प्पा सभ्यता और वैदिक सभ्यता को मातृसत्तात्मक क्यों कहते थे..??
क्योंकि उस समय की महिलाएं आर्थिक रूप से संपन्न थी..।।
महिलाओं की स्थिति तबतक दयनीय रहेगी जब तक वो दूसरों के ऊपर आश्रित है..।।
साथ ही हमें अपने विचारों में बदलाव लाने की जरूरत है..
खुद से पूछिए क्या हमें #अंतरराष्ट्रीय_महिला_दिवस मनाने का अधिकार है..??
जब हम अपने घर की महिलाओं का ही सम्मान नही करते, तो महिला दिवस मनाने का दिखावा क्यों करते है..??
क्या आपको याद है आपने आखरी बार अपने घर की महिलाओं के साथ अच्छे तरह से बात कब किया था..??
उन्हें आखरी बार धन्यावद कब कहा था..??
सोचिएगा...
अगर बहुत दिन हो गया हो तो फिर से एक बार शुरुआत कीजियेगा..
खासकर उनसे जिनसे दूरियां बढ़ गई है..