शनिवार, 2 मार्च 2024

प्यार की पांति...तुम होती..

तुम होती तो ऐसा होता..
तुम होती तो वैसा होता..
सच कहता हूं..
अगर तुम होती तो..
जिंदगी ऐसा तो बिल्कुल नही होता..
जैसा अभी है..
तुम होती...तो ऐसा होता..



तुम थी ही ऐसी..
जिसे चाहने लगा था..
जिससे प्यार करने लगा था..
क्या करूँ...
की तुम्हें भूल जाऊं..
तुम थी ही ऐसी..
क्षणभंगुर इंद्रधनुष के जैसी..

तुम मेरी जिंदगी में आई..
सूर्य की लालिमा की तरह..
और मेरी जिंदगी में ऊर्जा भर गई
दोपहरी सूर्य की तरह
और मेरी जिंदगी से ओझल हो गई..
अस्त होते हुए सूर्य की तरह..
मुझे आज भी इंतजार है 
उस सुबह का..
जिस सुबह तुम्हार दीदार कर सकू..

तुम होती तो ऐसा होता..
तुम होती तो वैसा होता..
सच कहता हूं..
अगर तुम होती तो..
जिंदगी ऐसा तो बिल्कुल नही होता..
जैसा अभी है..
तुम होती...तो ऐसा होता..

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