बुधवार, 26 जनवरी 2022

गणतंत्र दिवस और इसके मायने....

 हम गणतंत्र दिवस क्यों मनाते है..??



लगभग 70% भारतीय को ये मालूम नही की,आखिर हम गणतंत्र दिवस क्यों मनाते है..??

क्या इसलिये की इस दिन संविधान लागू हुआ..।

90% आबादी को सही से ये मालूम नही होगा कि आखिर गणतंत्र के क्या मायने है..??

आप को ये जानकर आश्चर्य होगा कि वर्तमान में अभी भी कुछ ऐसे देश है जो गणतंत्र नही है जैसे-ब्रिटेन,कनाडा,ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, जापान,मलेशिया,स्वीडन,सऊदी अरब इत्यादि..

मगर हम गुलामी की बेड़ियों को तोड़कर सिर्फ स्वतंत्र ही नही बल्कि गणतंत्र भी हुए.. और उस लक्ष्य को पाने के लिए अग्रसर है जिसका स्वपन हमारे संविधान निर्माता ने सोचा था।

चलिए पहले हम जान लेते है कि आखिर हम गणतंत्रता दिवस क्यों मनाते है..

जब हम आजादी की लड़ाई गांधी जी के नेतृत्व में लड़ रहे थे तब कुछ अग्रणी नेताओ ने अंग्रेज से डोमिनियन स्टेट की मांग की इसका मतलब ये होता है कि सब कुछ तो हम भारतीय खुद ही तय करेंगे मगर राष्ट्र के प्रमुख ब्रिटेन के महाराज(जॉर्ज पंचम) ही होंगे..।।

मगर इसका विरोध सुभाष चंद्र बोस और पंडित जवाहरलाल नेहरू ने किया और उन नेताओं को समझाया आखिर ऐसी आजादी के क्या मायने रह जाएंगे..तब पर भी तो हम गुलाम ही कहलायेंगे.. इसके विरोध में 31दिसंबर 1929 को लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज की मांग किया गया..।। और पूरे देश मे 26 जनुअरी 1930 को स्वतंत्रता दिवस और तिरंगा लहराया गया।।

इस दिन को संजोने के लिए हमारे संविधान निर्माताओं ने 26 जेनुअरी 1950 को संविधान लागू किया, जबकि हमारा संविधान 26 नवंबर 1949 को ही बनकर तैयार हो गया,और इस दिन को हम संविधान दिवस के रूप में मनाते है। जबकि हमे अंग्रेज से आजादी 15 अगस्त 1947 को ही मिल गया मगर उस समय हमें डोमिनियन स्टेट का ही दर्जा मिला,और हमारे देश में विधि-व्यवस्था भारत शासन अधिनियम 1935 के तहत शुरू हुआ और 25 जनुअरी 1950 तक गवर्नर जनरल का पद बना रहा,जब हमारा संविधान लागू हुआ तब हमें निर्वाचित(अप्रत्यक्ष) राष्ट्रपति मिले और हम गणतंत्र हो गए।।

हमारे संविधान निर्माताओं ने 60 देशों के संविधान का अध्ययन किया।इसे पूर्ण रूप देने में 2 साल 11 महीने 18 दिन लगे। और इसके निर्माण में उस समय 64लाख रुपये खर्च हुआ था।


हम वर्तमान में किस स्तर तक गणतंत्र हुए है,और हमारे लिए गणतंत्र के क्या मायने है..??

अगर औपचारिक रूप से देखा जाय तो हां हम गणतंत्र है क्योंकि हमारे यंहा राष्ट्रप्रमुख का प्रत्यक्ष रूप से चुनाव होता है।हमारे यंहा कोई खास वर्ग नही है,संविधान में सबों के लिए एक समान न्याय और समानता की बात किया गया। भारत मे जितने भी सार्वजनिक कार्यलय है वंहा पे सबों का एक समान वितरण की व्यवस्था किया गया है।।

मगर देखा जाय तो क्या हम उस लक्ष्य तक पहुंच पाए है..??

हमारे संविधान की प्रस्तावना सामाजिक,आर्थिक और राजनीतिक न्याय की बात करता है..
आर्थिक स्थिति आप देख रहे है देश के 1% लोगों के पास देश की कुल संपत्ति का 50% से ज्यादा है।
राजनीतिक स्थिति भी आप देख सकते है भारत की जितनी भी राजनीतिक पार्टी है उसमें परिवारवाद किस हद तक हावी है कुछेक को छोड़कर।।

हमारे संविधान की प्रस्तावना विचार,अभिव्यक्ति, विश्वास,धर्म और उपासना की स्वतंत्रता की बात करता है।
हम इन लक्ष्यों को पाने में कुछ हद तक सफल हुए है,मगर हमें अपने देश को और प्रगतिशील बनाना है जिससे हमें किसीके विचार और अभिव्यक्ति से डर न लगे।।
हमारे संविधान की प्रस्तावना प्रतिष्ठा और अवसर की समानता की बात करता है.. हमें सबों के लिए समान अवसर प्राप्त करवाने के दिशा में अभी और काम करना है
चाहे वो राजनीति में भागदारी की बात हो,या फिर न्यायिक प्रकिया की बात हो या फिर गुणवक्ता पूर्ण शिक्षा के साथ महिलाओं की हरेक क्षेत्र में भागीदारी की बात ही क्यों न है,हमे अभी बहुत कुछ करना है।

हमारे संविधान निर्माता का अंतिम जो लक्ष्य था राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने के लिए बंधुत्वता बनाए रखना।
इसे हमें कभी कमजोर नही होने देने है,
अगर ये कमजोर हो गया,
तो हमारा राष्ट्र बिखर जाएगा,
और बिना राष्ट्र के लोगों की कोई गरिमा नही होती।

गणतंत्रता दिवस की ढेर सारी शुभकामना..😊


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