पलायन अनवरत चलने वाला एक चक्र है,हम जंहा से चलते है,फिर वंही पहुंच जाते है..और ये चक्र तब-तक चलता रहता है,जब तक हम उस असीम शान्ति को नही पा लेते.. जिसे हम पीछे छोड़ आये है।
लोग गाँव से शहरों की और पलायान करते है,और शहर से दूसरे शहर को पलायन करते है,
इससे भी नही होता है तो शहर से उन देशों के शहर में पलायन करते है , जो पूर्ण विकसित है, और विकसित के सारे मानदंड पूर्ण कर चुके है,इससे ज्यादा और विकास नही हो सकता अगर होता तो फिर लोग वंहा पलायन करते..।
आखिर लोग पलायन क्यों करते है..??
एक बेहतर और सुखमय जिंदगी के लिए..
और जब इसे पा लेते है तो फिर, वंही आने को बेचैन होते है,जंहा से पलायन शुरू किया था..
आखिर क्यों...??
उस असीम शांति के लिए जिसे छोड़कर पलायन किये थे।
यही जिंदगी है..।।
सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद😊
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