माँ अगर तुम न होती तो क्या होता..??
माँ अगर तुम न होती तो क्या होता..??
क्या इस धरा पे मैं, आ पाता...
और इस वसुंधरा को अपने चरणों से स्पर्श कर पाता..
माँ अगर तुम न होती, तो क्या होता..??
क्या मैं बोल पाता...
और अपनी बोलियों(आवाज) से अपनी पहचान बना पाता..
माँ अगर तुम न होती, तो क्या होता...??
क्या मैं ,मैं होता..
या फिर मेमने की तरह ही,मेरा भी जीवन होता..।।
माँ अगर तुम न होती, तो क्या होता..??
क्या इस ब्रह्मांड को मैं निघार पाता..
जिस ब्रह्मांड की कोई सीमा नही है..।
माँ अगर तुम न होती, तो क्या होता..??
सच कहूं माँ..
अगर तुम न होती..
तो मैं न होता..
अगर मैं न होता,
तो कोई और होता..।
मगर माँ, तुम न होती...
तो मैं न होता...।।
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