शुक्रवार, 27 अक्टूबर 2023

आप उदास क्यों है..??

 आपने कभी सोचा है..??

आपके उदासी का कारण क्या है..??



थोड़ी देर सोचिए...🤔

हमारे उदासी का कारण हमारा संघर्ष है.. और संघर्ष किसके जीवन मे नही है..??

ये जीवन ही संघर्ष है,और बिना संघर्ष के जीवन, है ही नही..

तब, फिर हम उदास क्यों है..??

क्योंकि हम संघर्ष से भागना चाहते है..और भागते रहते है,और एक दिन थक जाते है..और तब,दुःख की शुरुआत होती है..।

आंखे बंद कीजिए... और अपने मन मे किसी 5 बड़े व्यक्तित्व का नाम सोचिए वो किसी भी क्षेत्र से हो सकते है... आँखें बंद करके सोचिए तो सही...😔

अब आप खुद से पूछिए की..आप उन्हें क्यों जानते है..??

शायद इसलिए कि वो सफल व्यक्ति है/थे....

नही....इसलिए हम उन्हें जानते है कि, उन्होंने संघर्ष का सहर्ष सामना किया...।।

और हम क्या कर रहें है..??संघर्ष से बचना चाहते है..हम जितना बचना चाहते है..संघर्ष उतना ही बढ़ता जाता है..और वो जितना बढ़ता जाता है,हम उतना ही दुःखी होते चले जाते है...।।

और जिस क्षण हम इन संघर्षों का सामना शुरू कर देते है,उसी क्षण से दुःख कम होता चला जाता है..।।

अब निर्णय आपको करना है..

जिंदगी को ताउम्र बोझिल बनाना है...या फिर संघर्ष को सहर्ष स्वीकार कर..स्वर्णाक्षर में अपना नाम खुदवाना है....

निर्णय तो हमें ही करना होगा..

क्या होता अगर..??

गांधी पिट्सबर्ग के बेज्जती से आहत होकर अगर भारत चले आते..तो कौन जानता इन्हें..??

एडिसन की माँ, अगर टीचर की बात मान लेती तो कौन जान पाता इस थौक के आविष्कारक को...

क्या होता अगर स्टीव जॉब्स अपने ही बनाये कंपनी से निकाले जाने के बाद हताश हो जाते...तो शायद आज ये भारत की GDP के समांतर कमाई करने वाली कंपनी नही होती..

क्या होता अगर यूक्रेन रसिया से संघर्ष करना छोड़ देता..और आज अगर इजरायल संघर्ष करना छोड़ दे तो... शायद अस्तित्व ही न बचे...

और हम क्या कर रहे है..

संघर्ष से बचना चाहते है...

हम जितना संघर्ष से बचना चाहेंगे,उतना ही हम दुःखी होते चले जायेंगे...

अब निर्णय हमें ही करना है....।।

मुस्कुराइए😊....क्योंकि आपकी मुस्कुराहट आपके संघर्ष को आसना बनायेगी...।।

मंगलवार, 24 अक्टूबर 2023

राम ने रावण को क्यों मारा

हममें से अक्सरहां को पता होगा.. की..

राम ने रावण को क्यों मारा..?? 



मगर सच कहूं तो,जो आप सोच रहे है..वो जबाब सही नही है..

राम कभी रावण को मारने के पक्ष में थे ही नही..

इसिलिय तो उन्होंने अगंद को शांति दूत बना करके भेजे..

मगर परिणाम क्या हुआ....

परिणाम ये हुआ कि राम को रावण को मारने के लिए विवश होना पड़ा.. आखिर क्यों..???

"अहंकार" रावण का अहंकार रावण से बड़ा हो गया था,जो उसका मौत का कारण बना..।।

आज हम सब में, कुछ हो न हो अहंकार भड़ा पड़ा हुआ..

अहंकार से ही क्रोध की उत्पत्ति होती है..

और क्रोध की उत्पत्ति से ही,मनुष्य की दुर्गति होती है..।।

निर्णय आपको करना है..??

की आप क्या चाहते है..

अपने अहंकार को काबू में करना चाहते है या फिर दुर्गति को प्राप्त करना चाहते है..

अहंकार को काबू में कैसे करें..??

मौन रहे...।।

इस विजयदशमी को अंदर के रावण को मारे..

रावण कौन है.. वो हमारे बुराइयों के प्रतीक है..

अपने सबसे बड़े बुराई को पहचाने और इस विजयदशमी को उसपे विजय पाने का प्रण करें...।।

विजयदशमी की ढेर सारी शुभकामनाएं...


सोमवार, 23 अक्टूबर 2023

मैं विलीन हो जाना चाहता हूं..



मैं प्रेम में डूबना चाहता हूं,बुद्ध की तरह...

मैं निरंतर बहना चाहता हूं..नदी की तरह..

मैं मुस्कुराना चाहता हूं..फूल की तरह..

मैं जलना चाहता हूं..सूर्य की तरह..

मैं विलीन हो जाना चाहता हूँ...शून्य की तरह..

रविवार, 22 अक्टूबर 2023

क्या हम अपनी घर की देवियों का सम्मान करते है..??

 यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः ।

यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः ।।




आपको क्या लगता है...??
शायद सही ही लगता होगा क्योंकि हम बचपन से ही ये श्लोक सुनते आ रहे है..।।
और साथ ही पूरे विश्व मे,भारत ही एकमात्र देश है जंहा देवियों की पूजा होती है..।।
कितनी अच्छी बात है...
मगर खुद से पूछिए...
क्या हम अपने घर की देवियों का सम्मान करते है...??
अपनी माँ, दादी,चाची,भाभी,बहन,बीवी का सम्मान करते है...??
शायद ही हममें से कोई होगा जिसने कभी महिलाओं के साथ बदतमीजी नही की होगी..।।
इसकी शुरुआत घर से ही शुरू हो जाती है...

आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले 30 वर्षों में महिलाओं के सम्मान में एक तरफ गिरावट आई है(वैश्वीकरण के कारण), तो एक तरफ सम्मान का भाव बढ़ा है(आर्थिक सम्पनता के कारण)...


मगर आपको ये जानकर आश्चर्य होगा..
की WEF(वर्ड इकनोमिक फोरम,रिपोर्ट-2023) के अनुसार भारत मे लैंगिक असमानता 146 देशों में 127 वा है..

NFHS-5(नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे)-के अनुसार भारत मे घरेलू हिंसा का सामना 29.3% महिलाएं कर रही है।



वंही यूनाइटेड नेशन्स पापुलेशन फण्ड रिपोर्ट के अनुसार भारत मे 15-49 आयुवर्ग की 70% विवाहित महिलाये हिंसा की शिकार है..।।

इसका कारण क्या है..??
हमारी सोच..।।

आपने कभी सोचा है(पुरुष)..
जब आपके साथ कोई बुरा बरताव करता है, तो आपपर क्या बीतता है..??
आपके अंदर हिंसा,द्वेष,घृणा का भाव उत्पन्न होता है..

मगर जब महिलाओं के साथ बुरा बरताव होता है तो वो क्या करती है...??
पहले वो सहन करती है..फिर...
फिर वो सहन करती है...फिर..
फिर वो सहन करती है...
वो अंतिम क्षण तक सिर्फ और सिर्फ सहन करती है..
क्योंकि वो विरोध किस-किस का करें..
क्योंकि उसके चारों तरफ शोषण करने वाले ही है..
कोई लाड़-प्यार से कर रहा है,तो कोई शक्ति के बल पर कर रहा है..।।

मगर हम भूल जाते है कि महिला सृजनकर्ता है,
और जो सृजन कर सकता है,
वो विनाश भी कर सकता है..।।
महिलाओं को सम्मान करें न कि अपने और समाज के विनाश को न्योता दे..।।
कोई भी देश और समाज तबतक शक्तिशाली और समृद्ध नही हो सकता,जबतक वंहा की महिलाओं की स्थिति सुदृढ़ न हो..।।

अपने व्यवहार में बदलाव लाये..
आप महिलाओं के साथ उसी तरह से व्यवहार करें,
जिस तरह की व्यवहार की अपेक्षा आप महिलाओं से रखते है...।।

रविवार, 15 अक्टूबर 2023

अपने नवरात्रा को यादगार बनाये..

आज से नवरात्रि की शुरुआत हो गई...


 हम सालों से मनाते आ रहे है..मगर क्यों..??
जरा सोचिए...🤔

क्योंकि कोई भी कार्य बिना कारण के नही होता..
इसके मनाने के प्रमुख कारणों में से एक कारण था..
•मानूसन का जाना..
मानूसन के जाने से ही मौसम में परिवर्तन आता है,और उसका प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है..
और हम नवरात्र में क्या करते है...??
अच्छी दिनचर्या अपनाते है,खान-पान के साथ अपने व्यवहार में भी सादगी अपनाते है..।

दूसरा कारण-
आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा...
बरसात के समय हमारी आर्थिक गतिविधियां कम हो जाती है,इसे गति देने के लिए नवरात्रि मनाते है...

तीसरा कारण-
समाज का एकीकरण करना..
हरेक त्योहार व्यक्ति,परिवार और समाज को जोड़ने का काम करता है..
9 दिन तक हम क्या करते है,कभी इसपर गौर किया है..??
परिवार को जोड़ने के लिए एक साथ घर मे साफ-सफाई के साथ पूजा-पाठ करते है..
समाज को जोड़ने के लिये कन्या-पूजन का प्रावधान,साथ ही मंदिरों में मूर्ति पूजा के साथ राम-लीला एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम ...।

और कई कारण है..

मगर वर्तमान समय व्यक्तिवाद का है..हम अपने लक्ष्यों को पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते है..
मगर सोचिए..??
क्या हम अपने अवगुणों के सहारे अपने लक्ष्य को पा सकते है...??
इस नवरात्र प्रण कीजिये अपने 9 अवगुणों को ढूंढकर दूर करने का अगर दूर नही कर सकते,तो अपने 9 गुणों को ढूंढिए..
सच मे अगर आप खुद के अंदर बदलाव लाना चाहते है तो आप जरूर अपने 9 अवगुणों को अभी ढूंढकर लिख ले,साथ ही अपने 9 गुणों को भी ..अगर 9 गुण और अवगुण नही मिल रहे है तो 5 जरूर लिखिए और अभी लिखिए,अपने स्मार्टफोन के नोटबुक में भी लिख सकते है😊...
मुझे आशा ही नही पूर्णविश्वास है आप नही लिखेंगे..क्योंकि हम जैसे है वैसे ही ठीक है..।।

बदलाव एक कठिन प्रक्रिया है,जिसने भी खुद को बदला,उसने ही समाज को बदलने में अपनी भूमिका निभाई..।।
आंखे बंद कीजिए,और किसी बड़े व्यक्तित्व के बारे में सोचिए..आंखे बंद कीजिए और सोचिए....

आपने जिनके बारे में भी सोचा होगा,वो व्यक्तित्व इतना बड़ा, कैसे बन गया होगा..??
उसका एक ही कारण है-खुद के अंदर बदलाव लाकर..

क्या आप अपने अंदर बदलाव लाना चाहते है..??
अगर हां,तो आज से शुरुआत करते है..
आप अपनी 3 प्रमुख कमियां को ही ढूंढिए..
जिसके कारण आपको अफसोस होता हो, की मुझे नही करना चाहिए..
प्रण ले कि इस 9 दिन तक मैं, ये सब नही करूंगा..
सच कहता हूं,10वे दिन आप भी इन कमियों के ऊपर विजय पाकर,विजयदशमी मनाएंगे..।।
हम शुरुआत कर सकते है..😊

नवरात्रि से तात्पर्य है उन 9 अवगुणों पर विजय पाना जिसने आपके जिंदगी को अंधकारमय कर दिया है-
काम,क्रोध,मद,मोह,घृणा,निंदा,ईष्या,आलस्य और मद्द(नशा किसी भी चीज का हो सकता है)
तो उसे दूर करने का प्रयत्न करें,
मगर कैसे...??
एक नई आदत अपना ले ,और उसे निरंतर करते रहे,और एक दिन आपकी बुरी आदतों पे आपकी अच्छी आदत हावी हो जाएगी..

इस नवरात्रा को सिर्फ मनाए ही नही,बल्कि इसे यादगार बनाये...।।
नवरात्रा की ढेर सारी शुभकामनाएं..😊

शुक्रवार, 6 अक्टूबर 2023

ब्रह्मांड और हम

हमें गर्व होना चाहिए कि हम इस ब्रह्मांड का हिस्सा है, साथ ही हमें अफसोस भी होना चाहिए...।।



क्यों..??

क्योंकि हम ब्रह्मांड का हिस्सा होकर भी इस ब्रह्मांड का हिस्सा नही है..।।

क्यों..??

सोचिए..।। तब तक सोचिए, जब तक कोई विचार न आये..।।

आपने गौर किया होगा इस ब्रह्मांड/पृथ्वी पर रहने वाले हरेक जीव-जंतु यंहा तक कि पेड़-पौधों को भी ब्रह्मांड में हो रही गतिविधियों का अहसास होता है.. आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि जिस वर्ष सौर तूफान आता है उस वर्ष पेडों की वलय बड़ी बन जाती है..।(सौर तूफान क्या है..गूगल पे सर्च कीजियेगा


इसका प्रभाव पूरे सोलर-सिस्टम पर पड़ता है,बस मनुष्य को छोड़कर😊 क्यों..?? क्योंकि हम सोशल मीडिया पे व्यस्त है..।।

खुद के लिए समय निकालें, आप ब्रह्मांड से खुद-ब-खुद जुड़ जाएंगे..

आज हमारी जिंदगी बहुत सरल हो गई है,हम जो चाहे वो आसानी से पा सकते है,उसके लिए हमें आज से 100वर्ष पहले इतना मेहनत नही करना पड़ेगा..। मगर अफसोस पहले इतना मेहनत करने के बाबजूद हमारे पास समय होता था,मगर आज..?? हमारे पास समय का अभाव है..

आखिर क्यों..??

हम अपनी समय कंहा जाया कर रहे है..??

जरा पूछिये खुद से..।।

जिस रोज ये समय जाया करना बंद कर देंगे उस रोज हम फिर से, इस ब्रह्मांड का हिस्सा बनना शुरू कर देंगे..

और हमें भी ब्रह्मांड में हो रही गतिविधियों का अहसास होना शुरू हो जायेगा..।।

ये पूरा ब्रह्मांड हमारा है,क्या हम इस ब्रह्मांड के हिस्सा है,अगर हां, तो इस ब्रह्मांड का नियमो का पालन कीजिए...अपना विस्तार कीजिये... क्योंकि ब्रह्मांड अभी यही कर रहा है..।।

अपना विस्तार कैसे करें..??

इक छोटी सी मुस्कान😊 बिखेर करके भी हम अपना विस्तार कर सकते है..।।

हमारी उत्पति इस ब्रह्मांड से हुई है,हमारा लालन-पालन इस ब्रह्मांड में हो रहा है,हमारी मृत्यु भी इस ब्रह्मांड में हो जाएगी..।। 

ये ब्रह्मांड आखिर है क्या..??

ब्रह्मांड शून्य है,इसे जानने और समझने के लिए शून्यता का अहसास करना होगा..।।

कैसे..??

आंखें बंद करके...😊

हमें गर्व होना चाहिए कि हम इस ब्रह्मांड का हिस्सा है, साथ ही हमें अफसोस भी होना चाहिए...।।

क्यों..??

क्योंकि हम ब्रह्मांड का हिस्सा होकर भी इस ब्रह्मांड का हिस्सा नही है..।।

क्यों..??

सोचिए..🤔 सोचने के बाद मुझे भी बताइए...😊