हम सालों से मनाते आ रहे है..मगर क्यों..??
जरा सोचिए...🤔
क्योंकि कोई भी कार्य बिना कारण के नही होता..
इसके मनाने के प्रमुख कारणों में से एक कारण था..
•मानूसन का जाना..
मानूसन के जाने से ही मौसम में परिवर्तन आता है,और उसका प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है..
और हम नवरात्र में क्या करते है...??
अच्छी दिनचर्या अपनाते है,खान-पान के साथ अपने व्यवहार में भी सादगी अपनाते है..।।
दूसरा कारण-
•आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा...
बरसात के समय हमारी आर्थिक गतिविधियां कम हो जाती है,इसे गति देने के लिए नवरात्रि मनाते है...
तीसरा कारण-
समाज का एकीकरण करना..
हरेक त्योहार व्यक्ति,परिवार और समाज को जोड़ने का काम करता है..
9 दिन तक हम क्या करते है,कभी इसपर गौर किया है..??
परिवार को जोड़ने के लिए एक साथ घर मे साफ-सफाई के साथ पूजा-पाठ करते है..
समाज को जोड़ने के लिये कन्या-पूजन का प्रावधान,साथ ही मंदिरों में मूर्ति पूजा के साथ राम-लीला एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम ...।।
और कई कारण है..
मगर वर्तमान समय व्यक्तिवाद का है..हम अपने लक्ष्यों को पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते है..
मगर सोचिए..??
क्या हम अपने अवगुणों के सहारे अपने लक्ष्य को पा सकते है...??
इस नवरात्र प्रण कीजिये अपने 9 अवगुणों को ढूंढकर दूर करने का अगर दूर नही कर सकते,तो अपने 9 गुणों को ढूंढिए..
सच मे अगर आप खुद के अंदर बदलाव लाना चाहते है तो आप जरूर अपने 9 अवगुणों को अभी ढूंढकर लिख ले,साथ ही अपने 9 गुणों को भी ..अगर 9 गुण और अवगुण नही मिल रहे है तो 5 जरूर लिखिए और अभी लिखिए,अपने स्मार्टफोन के नोटबुक में भी लिख सकते है😊...
मुझे आशा ही नही पूर्णविश्वास है आप नही लिखेंगे..क्योंकि हम जैसे है वैसे ही ठीक है..।।
बदलाव एक कठिन प्रक्रिया है,जिसने भी खुद को बदला,उसने ही समाज को बदलने में अपनी भूमिका निभाई..।।
आंखे बंद कीजिए,और किसी बड़े व्यक्तित्व के बारे में सोचिए..आंखे बंद कीजिए और सोचिए....
आपने जिनके बारे में भी सोचा होगा,वो व्यक्तित्व इतना बड़ा, कैसे बन गया होगा..??
उसका एक ही कारण है-खुद के अंदर बदलाव लाकर..
क्या आप अपने अंदर बदलाव लाना चाहते है..??
अगर हां,तो आज से शुरुआत करते है..
आप अपनी 3 प्रमुख कमियां को ही ढूंढिए..
जिसके कारण आपको अफसोस होता हो, की मुझे नही करना चाहिए..
प्रण ले कि इस 9 दिन तक मैं, ये सब नही करूंगा..
सच कहता हूं,10वे दिन आप भी इन कमियों के ऊपर विजय पाकर,विजयदशमी मनाएंगे..।।
हम शुरुआत कर सकते है..😊
नवरात्रि से तात्पर्य है उन 9 अवगुणों पर विजय पाना जिसने आपके जिंदगी को अंधकारमय कर दिया है-
काम,क्रोध,मद,मोह,घृणा,निंदा,ईष्या,आलस्य और मद्द(नशा किसी भी चीज का हो सकता है)
तो उसे दूर करने का प्रयत्न करें,
मगर कैसे...??
एक नई आदत अपना ले ,और उसे निरंतर करते रहे,और एक दिन आपकी बुरी आदतों पे आपकी अच्छी आदत हावी हो जाएगी..
इस नवरात्रा को सिर्फ मनाए ही नही,बल्कि इसे यादगार बनाये...।।
नवरात्रा की ढेर सारी शुभकामनाएं..😊
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