यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः ।
यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः ।।आपको क्या लगता है...??
शायद सही ही लगता होगा क्योंकि हम बचपन से ही ये श्लोक सुनते आ रहे है..।।
और साथ ही पूरे विश्व मे,भारत ही एकमात्र देश है जंहा देवियों की पूजा होती है..।।
कितनी अच्छी बात है...
मगर खुद से पूछिए...
क्या हम अपने घर की देवियों का सम्मान करते है...??
अपनी माँ, दादी,चाची,भाभी,बहन,बीवी का सम्मान करते है...??
शायद ही हममें से कोई होगा जिसने कभी महिलाओं के साथ बदतमीजी नही की होगी..।।
इसकी शुरुआत घर से ही शुरू हो जाती है...
आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले 30 वर्षों में महिलाओं के सम्मान में एक तरफ गिरावट आई है(वैश्वीकरण के कारण), तो एक तरफ सम्मान का भाव बढ़ा है(आर्थिक सम्पनता के कारण)...
मगर आपको ये जानकर आश्चर्य होगा..
की WEF(वर्ड इकनोमिक फोरम,रिपोर्ट-2023) के अनुसार भारत मे लैंगिक असमानता 146 देशों में 127 वा है..
NFHS-5(नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे)-के अनुसार भारत मे घरेलू हिंसा का सामना 29.3% महिलाएं कर रही है।
वंही यूनाइटेड नेशन्स पापुलेशन फण्ड रिपोर्ट के अनुसार भारत मे 15-49 आयुवर्ग की 70% विवाहित महिलाये हिंसा की शिकार है..।।
इसका कारण क्या है..??
हमारी सोच..।।
आपने कभी सोचा है(पुरुष)..
जब आपके साथ कोई बुरा बरताव करता है, तो आपपर क्या बीतता है..??
आपके अंदर हिंसा,द्वेष,घृणा का भाव उत्पन्न होता है..
मगर जब महिलाओं के साथ बुरा बरताव होता है तो वो क्या करती है...??
पहले वो सहन करती है..फिर...
फिर वो सहन करती है...फिर..
फिर वो सहन करती है...
वो अंतिम क्षण तक सिर्फ और सिर्फ सहन करती है..
क्योंकि वो विरोध किस-किस का करें..
क्योंकि उसके चारों तरफ शोषण करने वाले ही है..
कोई लाड़-प्यार से कर रहा है,तो कोई शक्ति के बल पर कर रहा है..।।
मगर हम भूल जाते है कि महिला सृजनकर्ता है,
और जो सृजन कर सकता है,
वो विनाश भी कर सकता है..।।
महिलाओं को सम्मान करें न कि अपने और समाज के विनाश को न्योता दे..।।
कोई भी देश और समाज तबतक शक्तिशाली और समृद्ध नही हो सकता,जबतक वंहा की महिलाओं की स्थिति सुदृढ़ न हो..।।
अपने व्यवहार में बदलाव लाये..
आप महिलाओं के साथ उसी तरह से व्यवहार करें,
जिस तरह की व्यवहार की अपेक्षा आप महिलाओं से रखते है...।।
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