हममें से अक्सरहां को पता होगा.. की..
राम ने रावण को क्यों मारा..??
मगर सच कहूं तो,जो आप सोच रहे है..वो जबाब सही नही है..
राम कभी रावण को मारने के पक्ष में थे ही नही..
इसिलिय तो उन्होंने अगंद को शांति दूत बना करके भेजे..
मगर परिणाम क्या हुआ....
परिणाम ये हुआ कि राम को रावण को मारने के लिए विवश होना पड़ा.. आखिर क्यों..???
"अहंकार" रावण का अहंकार रावण से बड़ा हो गया था,जो उसका मौत का कारण बना..।।
आज हम सब में, कुछ हो न हो अहंकार भड़ा पड़ा हुआ..
अहंकार से ही क्रोध की उत्पत्ति होती है..
और क्रोध की उत्पत्ति से ही,मनुष्य की दुर्गति होती है..।।
निर्णय आपको करना है..??
की आप क्या चाहते है..
अपने अहंकार को काबू में करना चाहते है या फिर दुर्गति को प्राप्त करना चाहते है..
अहंकार को काबू में कैसे करें..??
मौन रहे...।।
इस विजयदशमी को अंदर के रावण को मारे..
रावण कौन है.. वो हमारे बुराइयों के प्रतीक है..
अपने सबसे बड़े बुराई को पहचाने और इस विजयदशमी को उसपे विजय पाने का प्रण करें...।।
विजयदशमी की ढेर सारी शुभकामनाएं...
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