इस धरा पे शायद ही कोई हो..
जिसे समस्या का सामना न करना पड़ा हो। जिसने जितनी बड़ी समस्याओं से लड़ा उसका व्यक्तित्व उतना ही बड़ा हो गया।
जरा सोचिए ... हम अपने व्यक्तित्व को निखारना तो चाहते है,मगर समस्या से नही लड़ना चाहते , हमेशा इस उधेड़-बुन में लगे रहते है कि किस तरह समस्याओं से बचा जाय।
अच्छा किसी एक व्यक्ति का नाम बताइये ....
जो लोकप्रिय हो,जिसे गूगल पे सर्च किया जा सके। या फिर आप अपने परिवार या समाज मे ही किसी सफल व्यक्ति को देखिए..।। क्या उसने कभी समस्या का सामना नही किया होगा..?? पढ़ना बंद कीजिए और जरा सोचिए🙇....
हां तो सोचा हो गया..।।
क्या निष्कर्ष निकला.. हो सकता है आप किसी निष्कर्ष पर न भी पहुंचे हो.. क्योंकि हमारा दिमाग समस्याओं का आदि हो गया है,उसके समाधान का नही।।
क्या आपको एक बात पता है🤔...
समस्या के समाधान में वो ताकत है कि आपको भगवान बना दे.. ।। तो चलिए सबसे पहले भगवान की ही बात करते है..।
राम भारत के जनस्मृति में सबसे लोकप्रिय नाम है.. हम उन्हें पूजते ही रह गए, उसने जो सीख दी उससे कुछ सीखा ही नही।। राम से वो श्रीराम कैसे बन गए इस और हमारा ध्यान गया ही नही, जरा सोचिए🤔 आखिर वो कौन सी चीज थी जिसने उन्हें राम से श्रीराम बना दिया.।।
श्रीराम समस्या से भागे नही,उन्होंने सामना किया,जब पूरे राज्य में उनके राज्यभिषेक की घोषणा हुई,और अगले ही दिन जब उन्हें वनवास हुआ तो उन्होंने ये नही कहा कि ये कैसा न्याय है..?? उन्होंने उस समस्या का सामना किया,और खुशी से वन चले गए,न कि ये बोलते हुए की मेरे साथ बुरा हुआ।
अगर ये घटना हमारे आपके साथ हुआ होता तो क्या होता .. आप क्या करते..?? जरा सोच के बताइये..
हम तो छोटे-छोटे चीज पे नाराज हो जाते है..।
यही नही जब रावण ने सीता का हरण कर लिया तो वो बैठे नही रहे.. बल्कि सीता को खोज कर रावण का वध किया।। हम कितनी आसानी से ये बात कह देते है.. राम ने रावण को मार,मगर कैसे मारा इस बात पे चर्चा नही करते..।।
कंहा रावण.. जिसकी कीर्ति चहु दिशा में है,उसके शौर्य का,उसके पराक्रम का,उसके राज्य के वैभवशाली का.. और कंहा राम.. अयोध्या का एक साधारण सा राजकुमार.. जिसकी राज्य की सीमा शुरू होते ही सरयू के तट पे खत्म हो जाती है। कंहा रावण,जिसकी राज्य की सीमा खत्म होती ही नही है,बाजू में उसके जितनी ताकत बढ़ती जाती है ,उतनी उसकी सीमा बढ़ती जाती है।।
राम ने उससे लड़ा, सिर्फ लड़ा ही नही,बल्कि उसपे विजय पाया.. उसके राज्य की सीमा को लांघते हुए उसके ही घर मे धराशायी किया।।
कैसे...?? जरा सोचिए... राम ने हमारे आपके तरह रोना नही शुरू किया,मेरे पास सेना नही है,मेरे पास अस्त्र नही,मेरे पास संसाधन नही है..।। उन्होंने उस परिस्थिति का सामना किया जो था उसका सही दिशा में उपयोग किया.. जंगल मे ढेर सारे वानर(जनजाति) थे,उसीसे अपने सेना का निर्माण किया।। समुन्द्र पार करने के लिए योजना बनाई और उसपे पुल का निर्माण किया।। जब लक्ष्मण को वाण लगा तो,हिम्मत जुटाई और उस भगवान पे आस्था रखा क्योंकि उसे पता था कि में सही दिशा पे जा रहा हूँ।। इसीलिए आप भी आस्था रखिये उस परमपिता पे .. अगर आप सही दिशा पे जा रहे है तो सही परिणाम जरूर मिलेग।।
जब रावण अपने दिव्य रथ पे लड़ने आया तो राम ने ये नही कहा कि ये क्या हो रहा है,उन्होंने सामना किया,और राम के मदद के लिए देवता भी आगे आये और उन्होंने राम को भी दिव्य रथ दिया।। इससे हमें ये सीख मिलती है कि जब आप सही दिशा में बढोगे तो जरूर आपकी मदद करने के लिए कई लोग आएंगे।।
और किसकी चर्चा करू.. जिन्होंने समस्याओं का सामना करके महान व्यक्तित्व बन गये.. कृष्ण,बुद्ध,विवेकानंद,गांधी,बोस, या फिर वर्तमान में हमारे प्रधानमंत्री.. कितनों का नाम लूं.. असंख्य नाम है,जिन्होंने समस्याओं का सामना करके इस धरा पे अपनी अमिट छाप छोड़ी है..।।
क्योंकि उन्होंने समस्या का सामना किया.. उससे भागे नही , समस्या को टाले नही,उससे सामना किया और समस्या का हल ढूंढा..।।
अब आप भी सोचिए...
क्या आप सफल होना चाहते है...??? अगर हां, तो अब से समस्या का सामना कीजिये,और उसका हल ढूंढिये,बैचैन होके नही,चेहरे पे एक मुस्कान😊 रखके..।।
हरेक समस्या का हल है,और उसका हल हमें तबतक नही मिलता, जबतक की हम समस्या का सामना नही करते..।।
हां जाते-जाते एक बात और... अगर आपको कोई ऐसा व्यक्ति मिले,जिसने समस्या का सामना किये बिना ही सफल हो गया है तो,जरूर बताइएगा..😊।।