रविवार, 20 नवंबर 2022

हार कर हारना, क्या हार है..



हार कर हारना, क्या हार है..

जिस हार से,हार का अहसास न हो,

वो हार भी क्या हार है..।


वो हार भी क्या हार है..

जिस हार से मन द्रवित न हो,

सीने में आग प्रजवल्लित न हो,

आँखों मे क्रोध की ज्वाला न हो,

और अपनी कमियों को,

भट्टियों में झोंकने की ताकत न हो,

वो हार भी भला क्या हार है..।


वो हार भी भला क्या हार है..

जो नए कीर्तिमान रचने को विवश न करें,

वो हार भी भला क्या हार है..

जो स्वर्णिम अक्षरों में नाम न खुदवा दे..

वो हार भी भला क्या हार है..

जो खुद से खुद का आत्म-साक्षात्कार न करा दे..

वो हार भी क्या हार है..

जिस हार से, हार का अहसास न हो..।।


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