शनिवार, 7 जनवरी 2023

नव वर्ष का पहला सप्ताह

 नव वर्ष का पहला सप्ताह...कैसा रहा..??


क्या आपने खुद से किया हुआ वादा निभाया,या फिर टूट गया..।।
टूट ही गया होगा...।
क्योंकि 60% से ज्यादा लोगों का नव-वर्ष में किया हुआ वादा एक ही सप्ताह में टूट जाता है। फरबरी आते - आते 80% और अप्रैल-मई तक 12% और लोग, खुद से किया हुआ वादा तोड़ लेते है..।।
सिर्फ 8% लोग ही नव-वर्ष में खुद से किया हुआ वादा निभा पाते है..।।
और ये वो ही लोग है.. जो सिर्फ अपने ही जिंदगी में नही बल्कि औरों के जिंदगी में भी बदलाव लाने की काबिलियत रखते है।

ऐसा क्या कारण है कि लोग लिए हुए संकल्प को निभा नही पाते....??
मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि इसका सबसे प्रमुख कारण है कि, हम बिना योजना बनाये हुए ही संकल्प ले लेते है..।।

जरा सोचिए एक दिन में तो हिमालय नही चढ़ा जा सकता..
और हम कुछ इसी तरह का संकल्प ले लेते है,जो बोझ बन जाती है,जिसे कुछ लोग कुछ दिन ढो पाते है,और कुछ लोग कुछ सप्ताह और कुछ महीना..।। 

 और जब एक बार लिया हुआ संकल्प टूट जाता है,तो हम   अपने आप को ही हीन भावना से देखने लगते है,जोकि    बिल्कुल गलत है। ये समय होता है फिर से पुनर्विचार करने  का.. 
आखिर ऐसा क्यों हुआ..??
उस क्यों का जबाब ढूंढे...।।
जब जबाब मिल जाये तो आपके अंदर जरूर बदलाव आएगा..।।

अपने अंदर बदलाव लाने के लिए खुद को दंडित करें...।।

है न अजीब बात.. खुद को दंडित करना..।।
मगर जरा आप सोचिए🤔...
आपके जिंदगी में जो भी अनुसाशन है वो क्यों है...??
और कब आया..??
आप जब स्कूल लेट जाते थे तो मार पड़ता था, या फिर जब होमवर्क नही करते थे तब मार पड़ता था..और हम दंडित होने से बचने के लिए समय पर स्कूल जाते और होमवर्क करते..।।

आप हेलमेट क्यों पहनते है🤔...??
शायद कुछ ही लोगों का जबाब होगा सेफ्टी के लिए...
अक्सरहां भारतीय, ट्रैफिक पुलिस के डर से पहनते है😊..।।
यानी हम दंडित होने से बचने के लिए अनुशासन का पालन करते है..।।


तो अब आप फिर से खुद को दंडित करने का सोचिए..।
सिर्फ सोचिए ही नही खुद को दंडित कीजिये..।।
- हमें सिर्फ एक-एक दिन का संकल्प लेना है और उसे पूरा करना है..।
अगर पूरा न हो तो घर मे ही 54 बार दंड बैठक करना है..।।

और अगली बार, कोई गलती करने से पहले सोचिएगा..।।पहले दंडबैठक करू...
या फिर गलती करके दंड बैठक करू..।।

तो फिर शुरू हो जाइए खुद को दंडित करने के लिए..😊


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