सोमवार, 1 अप्रैल 2024

वो कौन था..



वो कौन था..??
वो तुम्ही तो थे..
जो ठान लेते थे,वो कर लेते थे..
वो तुम्हीं तो थे..
जो एक बार आगे बढ़ने के बाद पीछे मुड़ा नही करते थे..
वो तुम्हीं तो थे..
जो असहाय परिस्थितियों में भी,
निरंतर आगे ही बढ़ा करते थे..
वो तुम्हीं तो थे..
जो,ना चाहते भी,
उस कार्य को करते थे,जो जरूरी था..
वो तुम्हीं तो थे..

आखिर तुम्हें हुआ क्या है..??
जो लक्ष्य से भटक गए हो..
और उन जलती हुई आशाओं के लौ को,
बुझने के लिए विवश कर रहें हो..
वो तुम्हीं तो थे..
जो अपना लक्ष्य स्वयं निर्धारित किये थे..
तुमने ही आशाओं के लौ प्रज्वलित किये थे..
तो फिर क्यों..??
तुम हार से गए हो..
इस तरह हारने से बेहतर तो,लड़ के हारना है..
वो तुम्हीं तो थे..
जो हार में भी जीत का जश्न मनाया करते थे..
और अपने लिए उस हार में से भी,
जीत का सूत्र ढूंढ लिया करते थे..

आखिर तुम्हें हुआ क्या है..??
वो तुम्हीं तो थे..
जो अपनी इच्छाओं को दमन करके,
अपने लक्ष्य की और अग्रसर रहा करते थे..।
जेब मे एक फूटी कौड़ी न रहने के बावजूद भी
अपने लक्ष्य को हासिल करने का रुतबा रखा करते थे..।

आखिर तुम्हें हुआ क्या है..??
वो तुम्हीं तो थे..
जो बार-बार हारने के बाद भी,
मैदान में उतर जाया करते थे..।
अब ये आखरी लडाई है..
जी जान लगा दो तुम..
क्या पता..
ये आखरी लड़ाई इतिहास बन जाये..
और तुम कंही इस इतिहास का नायक बन जाओ..।।

वो कौन था..
वो तुम्हीं तो थे..
जो ठान लेते थे, कर लेते थे..
इस बार भी कर के दिखाना है..
और एक नई रीत चलाना है..
असंभव को संभव करके दिखाना है..
वो तुम्हीं तो थे..।।



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