अगर कुकर में सीटी न दे तो क्या होगा..??
शायद खाना जल जाए..
या फिर कूकर ब्रस्ट कर जाए..
हमारी हँसी भी यही करती है..
हमारे अंदर जमें अवसाद/मनोविकृति को बाहर करती है..
अगर हम न हँसे तो क्या होगा..??
वही होगा जो कूकर में सीटी न देने से होगा..
इसिलिय हँसना जरूरी है..।।
मगर आज हम भागमभाग भरी जिंदगी में हँसना भूलते जा रहें है..यंहा तक कि हमारे फिल्मों से हंसी वाले किरदार गायब होते जा रहे है..😞
आखिर हमें हो क्या गया है..??
हँसने के अनेक फायदे है..
जब हम हंसते है तब एंडोफ्रिन नामक हार्मोन का रिसाव होता है जिससे तनाव और दर्द को कम करता है..
साथ ही हमारे रक्तचाप और पाचन क्रिया को बेहतर करता है..
हँसने से डोपामिन और सेराटोनिन नामक हार्मोन का स्त्राव होता है जिससे हमारा मुड़ बेहतर होता है,और हमारा आत्मविश्वास को बढ़ाता है..।।
आपको जानकर हैरानी होगी कि हँसने वालों की यादाश्त और एकाग्रता क्षमता अधिक होती है..
ये जानते हुए भी हम मुँह पर हाथ रखकर हंसते है..😊
आज के समय दिनप्रतिदिन जिंदगी एकाकी होती जा रही है,और इस परिस्थितियों में हंसना बहुत मुश्किल है..
मगर हम इसे सरल बना सकते है..
आखिर कैसे..??
-सुबह की शुरुआत आइने में देखने से शुरू करें और एक लंबी मुस्कान दे..
-अपने बीते हुए कल को याद करें, और उन गलतियों को ढूंढे जो मूर्खतापूर्ण थी..
-अपने बचपन के दोस्तों के साथ बात करें..
- अगर हो सकें तो 5 से 10 मिनट की कोई कॉमेडी क्लिप या मूवी देख सकते है..।।
जिस तरह कुकर से सीटी निकलना जरूरी है,उसी तरह हँसना जरूरी है..
अन्यथा आप तो जानते ही है कि क्या परिणाम होगा..
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