रविवार, 26 नवंबर 2023

संविधान दिवस.. एक औपचारिकता..??

भारत के 90% आबादी को मालूम नही की आज क्या है..??
न ही हम जानना चाहते है,और न ही सरकार चाहती है कि आप जाने ...
क्यों..??
क्योंकि जब आपको अपने अधिकार का पता चलेगा तो आप अपने अधिकार हक से मांगोगे... न कि नेताओ की रैलियों में रैला खायेंगे..
भला कौन सरकार ऐसा चाहेगी की ..उसके रैली में कोई न आये..इसिलिय सरकार आपको अपने अधिकार से वंचित ही नही बल्कि आपको अपने अधिकार का भान ही नही होने दे रही है..
NCERT की पुस्तक में छपी हुई है भारत के संविधान की उद्देशिका.. जिसके बारे में न शिक्षक को पूर्ण ज्ञान है, और छात्र की तो बात ही छोड़ दीजिए...।।

आज 26 नवंबर जो की संविधान दिवस के रूप में हम मनाते है...
क्यों मनाते है..??
क्योंकि हमें ये भान हो कि हमारा संविधान किस तरह का अधिकार पूरे भारतवासी को देता है..(आज ही के दिन 1950 में संविधान लागू हुआ था)

संविधान की उद्देशिका... के अनुसार सरकार का कर्तव्य है कि वो पूरे भारतवासी को..

सामाजिक,आर्थिक और राजनीतिक न्याय उपलब्ध करवाए..
हम आज कंहा है..??

सामाजिक न्याय कुछ हद तक मिला है,छुआछूत,जातिवाद,लिंग-भेद बहुत हद तक कम हुआ है,और हम ज्यो-ज्यों आर्थिक रूप से सम्पन्न होंगे सामाजिक न्याय के करीब पहुंचते जाएंगे..

आर्थिक न्याय- वर्तमान में ये बहुत ही विरोधाभासी हो गया है भारत के जंहा 10% आबादी के पास कुल आय का 50% है वंही भारत के 80% आबादी के पास कुल आय का 20 % ही है...

राजनीतिक न्याय भी वर्तमान में आम लोगों से दूर होती जा रही है क्योंकि आज आम आदमी चुनाव नही लड़ सकता क्योंकि चुनाव जीतने के लिए पैसा और रुतबा चाहिए जो आम आदमी के पास नही है...

वंही हमारी उद्देशिका भारत के सभी नागरिकों को- विचार,अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता देती है..मगर किस तरह की..??

- वर्तमान में आपके विचार अगर सरकार से नही मिलता है तो आप मूर्ख या देशद्रोही है,अगर विचार मिलते है तो आप भक्त है..।।

- अभिव्यक्ति- अगर आपकी अभिव्यक्ति सरकार के खिलाफ हुई तो आपके ऊपर ED का छापा पर सकता है..मालूम नही कुछ और भी हो सकता है..।।

-धर्म- वर्तमान में धर्म के नाम पर इतना स्वतंत्रता मिल गई है कि हम किसी दूसरे के धर्म को नीचा दिखाने से नही हिचकते.. जिस कारण आज सम्प्रदायवाद बढ़ता जा रहा है..इससे किसे फायदा होगा..??

वंही उद्देशिका सबको प्रतिष्ठा और अवसर की समानता की बात करता है.. जो वर्तमान में चुनौतीपूर्ण है..।।

वंही संविधान की उद्देशिका हम नागरिकों से भी अपेक्षा करती है कि हम राष्ट्र की एकता और अखण्डता और बंधुता बढ़ाने के दिशा में कार्य करें..
क्या हम कर रहे है..??

हरेक भारतीय को अपने संविधान को जानना चाहिए..
और सरकार को भी चाहिए कि वो लोगों में संविधान के प्रति जागरूकता लाये..




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