रविवार, 26 नवंबर 2023

प्यार की पाती... मालूम नही क्यों...

मालूम नही क्यों..??
मेरा दिल अब भी..
सिर्फ तुम्हारे लिए धड़कता है..
ज्योहीं तुम्हारा ख्याल आता है..
मन भाव-विभोर और आंखे नम हो जाती है..।






मन को बार-बार समझाता हूँ..
मुझे तुमसे प्यार नही,सिर्फ आकर्षण था..
मन नही मानता...
क्योंकि उस गली में इक और थी..
जो इस बदनसीब को चाहती थी..
मगर ये बदनसीब तुम्हें चाहता था..।।

मालूम नही क्यों..
ये दिल अब भी तुम्हारे लिए धड़कता है..
तुम्हारा ख्याल आते ही मन भाव-विभोर और आंखे नम हो जाती है..।।
तुम्हें शायद पता न चले..
मगर इस कायनात को पता है..
की कितने अश्रु गिरे है तुम्हारे याद में..
मालूम नही क्यों...ये दिल अब भी...
सिर्फ तुम्हारे लिए धड़कता है...
और इक तुम हो,
जिसे मेरी धड़कन की आवाज सुनाई नही देती..
मगर मेरा दिल अब भी तुम्हारे लिए धड़कता है।।

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