सोमवार, 27 नवंबर 2023

आज गुरुनानक जयंती है... क्यों..??

"इक ओंकार सतनाम, 
करता पुरख, निर्भ-ऐ-ओ,निर्वेर,
अकाल मूरत,
अजूनी सभम,
गुरु परसाद जप, 
आड़ सच,जुगाड़ सच,
है भी सच, नानक होसे भी सच.."

एक सत्य है,वो ओंकार है..
जो कर्ता है,जो भय मुक्त है,दुश्मन रहित है..
जिसने मृत्यु पे विजय पा ली है,जो जन्म-मरण से परे है..
ऐसे परमात्मा को गुरुनानक जी ने अपना गुरु माना है..



आज गुरुनानक जयंती है...क्यों..??
इसिलिय की उनका जन्म इस रोज हुआ, या फिर इन्होंने अपने कर्मों के द्वारा अपने जन्म को सफल बना दिया...।।

गुरुनानक जी जो वर्तमान पाकिस्तान के तलवंडी में कालू मेहता के यंहा पैदा हुए..ऐसा ही मध्यम परिवार जैसा मध्यम परिवार की बहुतायत है हमारे भारत मे..

नानकजी को कोई बंधन नही बांध पाया,पिता ने दुनियादारी में बांधने के लिए शादी करवा दिया,मगर शादी का बंधन भी उन्हें नही बांध पाया..
उन्होंने ताउम्र अपने गृहस्थ जीवन का निर्वहन किया और पूरे विश्व को संदेश दिया कि आप गृहस्थ जीवन मे भी रहकर भी जीवन की ऊंचाइयों को पा सकते है...

उन्होंने अपने जीवनकाल में 28 हज़ार किलोमीटर की यात्रा की सिर्फ भारत मे ही नही बल्कि अफगानिस्तान, ईरान, मक्का-मदीन,तिब्बत,नेपाल,म्यांमार,चीन कुल मिलाकर उन्होंने 400 से ज्यादा शहरों की यात्रा की...क्यों..??
समाज में पर्याप्त सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए..

उसीका परिणाम है कि सिख समाज मे मानवता का उच्चतम भाव है..और वो है सेवा-भाव.. बिना भेदभाव के..
जिसका बीजारोपण नानक जी ने किया था,वो आज फलीभूत हो रहा है..


गुरुनानक जी ने 3 मंत्र दिए या हम कह सकते है कि सिख धर्म के 3 पिलर है..
i . वंड चखना(लंगर)- आप भूखे है गुरुद्वारा चले जाइये.. बिना कुछ कहे बिना कुछ पूछे भरपेट भोजन मिलेगा..वो भी बिना भेद-भाव के.. भले ही आप चार्टर प्लैन से आये हो,या फिर नंगे पांव से एक ही पंक्ति है यंहा सबके लिए..

ii . कीरत करना और
 
iii . नाम जपना

और सबसे बड़ी बात ये है कि सिख धर्म मे गुरु की महिमा सबसे ऊपर है.. उन्होंने तो "गुरु ग्रंथ साहिब" को ही गुरु का पद दिया है.. ये छोटी बात नही ये बहुत बड़ी बात है..
वर्तमान समय मे हमे इस बात को समझना जरूरी है कि किताब की क्या महात्म्य है..

गुरु नानकजी से क्या सीखे..??
1. हमेशा ऐसा सौदा करें जिससे दूसरों का भला हो..
2. चुनौतियों से भागे नही उसे सहर्ष स्वीकार करें..
3. सामाजिक कुरीतियों का विरोध करें..
4. भाईचारा, बन्धुत्वता को बढ़ावा दे..
5. गलत आचरणों से बचे.और अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखे..

सिख धर्म आज भी कुछ अपवादों को छोड़कर इसे दृढ़ता से पालन कर रहा है..
इसिलिय आप विश्व के किसी कोने में फंसे हो और आपको मदद की जरूरत है, तो गुरुद्वारा और सरदारजी आपके मदद के लिए सदैव तैयार रहेंगे...
"क्योंकि मानवता से बड़ा कोई सेवा नही है.."

एक वाकया है USA की, एक एक व्यक्ति ब्रेड चोरी करते हुए पकड़ा गया और उसे जज के सामने लाया गया .. तो जज ने उससे कहा-अगर अगली बार भूख लगे तो चोरी नही बल्कि किसी गुरुद्वारे में चले जाना..।।


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