क्योंकि हम अक्सरहाँ दोनों को समानार्थी ही समझ लेते है..
इसमें उतना ही अंतर है जितना नदी और समुन्द्र में..
हमारा व्यवहार अगर नदी है,तो हमारा चरित्र समुन्द्र है..।।
व्यवहार वो है जो हम दूसरों के साथ करते है..
और चरित्र वो है जो हम अकेले में खुद के साथ करते है..।।
वर्तमान समय मे दोनों का ही पतन होते जा रहा है..
क्यों🤔..??
कारण पता है आपको..?? अगर हां तो बताइएगा..🙂
वर्तमान में सबसे बड़ा कारण जो है...
वोआपके हाथ में है..😊
आप अपने समार्टफोन पे क्या देखते है,क्या सुनते है उसका प्रभाव आपके व्यवहार और चरित्र पर गहरा असर पड़ रहा है..
इतना कि लोग अपने रिस्तेदार की हत्या तक करने में नही सकुचाते..।।
इसका ये मतलब नही की आप स्मार्टफोन इस्तेमाल करना छोड़ दे..
आज स्मार्टफोन रोजमर्रा की जरूरत हो गई है..।।
तो क्या करें..??
बस आप स्मार्टफोन का इस्तेमाल करें,
न कि स्मार्टफोन आपका इस्तेमाल करें..।।
स्मार्टफोन पे समय बिताने से पहले खुद से पूछे..
इससे हमें क्या मिलेगा..??
हां तो हम कंहा थे...😀
व्यवहार और चरित्र की बात कर रहें थे..
मूलतः ये हमारे व्यक्तिगत,सामाजिक और पर्यावरणीय परिवेश पे भी निर्भर करता है..।।
•व्यक्तिगत स्तर पर आप क्या करते है,क्या पढ़ते है,क्या देखते है..ये सब आते है...ये सब आपके हाथ मे है,आप इसमें सुधार कर सकते है..।।
•सामाजिक स्तर पर आपके मित्र कैसे है,आप कैसे समूह में रहते है,किस तरह के काम करते है..ये सभी हमारे चरित्र और व्यवहार को प्रभावित करते है..।।
इसमें भी सुधार की गुंजाइश है..।।
•पर्यावरण का भी हमारे चरित्र और व्यवहार पर प्रभाव पड़ता है..इसिलिय आपको जितने भी आक्रामक जनजातियां मिलेगी वो सभी विषुवत, मकर या कर्क रेखा के आसपास मिलेंगे..
इसिलिय आप देखेंगे कि जो धुरवीय(polar)प्रदेश है वो बहुत शांत है..।।
- अगर आप इसिहास पलटेंगे तो देखेंगे कि जितने भी विद्वान और महानतम व्यक्तित्व हुए उनके जीवन मे पर्यावरण का महत्वपूर्ण योगदान रहा..
-आज भी अगर गौर करें तो आपको पता चल जाएगा कि नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले कौन लोग है..??
ये लोग किस तरह के माहौल में पले-बढ़े..।।
मगर अपवाद हरेक जगह होता है..मगर जंहा भी अपवाद होता है,वंहा पर्यावरण उनके अनुकूल होता है..।।
हम अपने चरित्र और व्यवहार को अच्छा कैसे करें...??
ये अच्छा अवसर है क्योंकि कल कैलन्डर भी बदलेगा..
और एक नया अवसर होगा..
अपने जिंदगी में बदलाव लाने का..
1. सबसे पहले अपने मोबाइल से उन सभी app को डिलीट करें जो आपका समय नही आपका व्यक्तित्व खा रहा है..।।
2. उन सभी लोगों से दूरियां बनाये जो आपके समय के साथ आपके चरित्र और व्यक्तित्व को मलिन करने में सहयोग कर रहे है..।।(ऐसे लोगों की पहचान कैसे करें..??साधारण है अगर वो दूसरों की शिकायत और आपकी प्रसंशा कर रहे है तो सावधान हो जाये)
3. अगर आपका परिवेश खराब है तो उसे बदलने की कोशिश करें या फिर उस परिवेश में अपने लिए एक दीवार बना ले..।।
4. अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण ये है कि आध्यात्मिक (spiritual) बनें.. सारे समस्याओं का हल हो जाएगा।।
अध्यात्म है क्या..??
आत्मा का अध्ययन ही अध्यात्म है..
अकेले बैठे जाए शांत चिंत..काफी है।।
तो क्या आप तैयार है,नव-वर्ष में अपने व्यवहार और चरित्र को सुदृढ़ बनाने के लिए..??
नव वर्ष की ढेर सारी शुभकामनाएं..💐💐
हम सब स्वस्थ💪 और खुश😀 रहें..।।