बहुत जस्तु-जु की तुम्हे देखने को..
हकीकत में न सही, सपनों में ही सही..
मगर वंहा भी, तुम नही..तुम्हारे अब्बू दिखे..😊
मैं आज भी वंही हूँ...
मगर तुम बहुत दूर निकल गयी हो..
जब थक जाओ..
और आने का मन करें..
मैं वंही मिलूंगा..
वैसे ही मिलूंगा..
जैसे तुमने छोड़ा था..
बहुत जस्तुजू की तुम्हे देखने को...
हकीकत में न सही,सपनो में ही सह...
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