हाल ही में जो दृश्य बांग्लादेश में देखने को मिला,वो हरेक संवेदनशील प्राणी को झकझोर देने वाला था...
जरा सोचिए..
क्या भारत मे गांधी,अंबेडकर जी की मूर्ति तोड़ी जा सकती है..
क्या अमेरिका में जॉर्ज वाशिंगटन और लिंकन की मूर्ति तोड़ी जा सकती है..
शायद नही..अगर ऐसा होता है तो वे विछिप्त लोग ही करेंगे..
मगर हाल ही में जिस तरह बांग्लादेश में..
मुजीबुर्रहमान की मूर्ति बंगलादेशी ही तोड़ रहे थे..
ऐसा लग रहा था,जैसे कोई बाह्य आक्रमणकारी कर रहा हो..
(और ये साबित भी हो गई,ये लोग अमेरिका और पाकिस्तान के नाजायज संतान थे)
अगर सच कहूं तो भारत के लिए गांधी,अंबेडकर, सुभाष ने मिलकर जितना किया..मुजीबुर्रहमान ने अकेले ही बांग्लादेश के लिए किया..
मगर बांग्लादेशी ही उनकी मूर्तियों को तोड़ रहे थे..
वो सिर्फ मूर्तियां नही बल्कि अपने भविष्य को ही तोड़ रहे थे..
"जो अपने पूर्वजों का सम्मान नही करते,
आने वाली पीढियां उनका भी सम्मान नही करते"
जंहा तक बांग्लादेश में हिंदुओं पे जो हिंसा हो रही है,वो बड़ी बात नही है..क्योंकि मुसलमानों का ये स्वभाव ही है,वो हमेशा से ही अल्पसंख्यक के प्रति निर्मम रहे है,और वो ऐसा सुनहरा मौका खोना नही चाहेंगे..शायद इसलिए भी इस्लाम खतरे में है..।।
चलिए हम इस बात पे गौर करते है कि..
आखिर क्यों इस्लाम खतरे में है..??
क्योंकि इस्लाम अपने जड़ से अलग हो गया है..
जब इस्लाम का उद्भव हुआ तो वो सबसे प्रगतिशील धर्म था, और आज सर्वाधिक बुराइयां इस्लाम मे ही मिलेगा..
अशिक्षा,गरीबी,लैंगिक असमानता,कट्टरपंथ इत्यादि..
आखिर क्यों..??
क्योंकि मुसलमान अल्लाह का नाम तो लेते है,मगर उनके विचारों का अनुसरण करने के बदले उन मुला-मौलवियों,का अनुसरण करते है,जो उन्हें उनके विचारों से उद्देलित करता है..।।
इस्लाम दूसरा सबसे व्यापक धर्म है..
50 के आसपास इस्लामिक देश है,
मगर आपको जानकर आश्चर्य होगा कि उनमें से 90% देशों में लोकतंत्र नही है..।।
जंहा मुसलमान बहुमत में है वंहा वो धर्मनिरपेक्षता को बुरा मानते है..
और जंहा अल्पमत में है,वंहा धर्मनिरपेक्षता को लोकतंत्र की कसौटी पे कसते है..।।
●इस्लाम भाईचारे का पैगाम देता है..।।
मगर आपको जानकर आश्चर्य होगा कि प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सर्वाधिक रक्तपात मुसलमानों ने मुसलमानों के प्रति ही किया..और ये सिलसिला जारी है..
ये कैसा भाईचारा है..??
अगर अमीर अरब देश चाहे तो वो अफ्रीका और एशिया के मुस्लिम राष्ट्रों की गरीबी दूर कर सकते है..मगर वो कोई दिलचस्पी नही लेते है,वो तो अमेरिका के साथ गलबहियां कर रहे है..
●इस्लाम शांति का पैगाम देता है..??
मगर वर्तमान में कुछ अमीर अरब देश को छोड़ दे तो कोई भी इस्लामिक राष्ट्र में शांति नही है..।।
आखिर क्यों..??
●इस्लामिक कट्टरपंथ..
इस्लामिक कट्टरपंथ के रूप में ISIS,अलकायदा,तालिबान इत्यादि(ग्लोबल) के रूप में उभरा है और कुकुरमुत्ते की तरह उभरते जा रहे गई ..जो इस्लाम की छवि ही नही बल्कि इस्लाम को मानने वाले जनसाधारण के जीवन को खराब कर रहे है..।।
●अशिक्षा..
आपको जानकर हैरानी होगी की मुस्लिम पुरुष और महिलाएं सबसे ज्यादा शिक्षित और आत्मनिर्भर वंहा है,जंहा मुसलमान अल्पसंख्यक है..
-जंहा मुसलमान बहुमत में है वंहा की महिलाओं की स्थिति दयनीय है..
आखिर क्यों..??
समय आ गया है..की मुसलमानों को फिर से स्वयं का आंकलन करना होगा कि...
क्या वो पैगम्बर के दिखाए मार्ग पे चल रहे है..??
अगर नही तो...
किसी न किसी को तो फिर से उस मार्गे पे ले जाना होगा..
ये कौन करेगा...
शायद कोई नही,क्योंकि सबको अपनी जान प्यारी है..।।
तो फिर क्या होगा..
फिर कयामत के दिन आएंगे..और आपस में लड़ कट कर मर जायेंगे..।।
शायद इसीलिए मुसलमान ही इस्लाम के लिए खतरा है..।।
इस्लाम ने दुनिया को क्या दिया..??
आप सोच नही सकते..??
आज हम जिस 21वी सदी में इतनी प्रगति कर रहे है उसका नीव इस्लाम ने ही रखा..
इस्लाम ने ही नवीन ज्ञान को पूरे दुनिया मे प्रसारित किया..।
जिस विज्ञान के बलबूते आज यूरोप और अमेरिका महाशक्ति बना हुआ है उस विज्ञान का प्रसार इस्लाम ने ही किया..
जिसके बलबूते यूरोप महाशक्ति बन पाया..।।
मगर आखिर फिर ऐसा क्या हुआ कि इस्लाम हासिये पे चला गया..??
सोचियेगा..??