यंहा कोई और नही है,आपके संघर्ष में हिस्सेदारी के लिए..
बिरले ही कोई-कोई होते है,जिन्हें मदद मिल जाती है..
संघर्ष से जूझने में..
अन्यथा अपने संघर्ष से स्वयं ही लडकर जीतना होता है..
यंहा कोई नही है,उसके सिवा..
वो सिर्फ शिव ही है..
जो आपके संघर्ष में,आपके सहयोगी हो सकते है..।।
उनपे आस्था रखकर,सबकुछ उनके ऊपर छोड़ दे..
सब ठीक हो जाएगा..।।
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