जिससे आप प्रभावित होते है,या फिर न होते हो..
न्यूनतम 10 अधिकतम 100..शायद इससे कम या इससे कुछ ज्यादा लोगो को तो आप नही जानते होंगे..।।
कभी आपने सोचा है..
सफलता और लोकप्रियता का राज क्या है..??
बस एक ही राज है..
और वो है "त्याग"(sacrifice)
हमें अपनी बुरी आदतों से इतना लगाव हो जाता है कि हम उसे छोड़ नही पाते है..(जैसे-ज्याद देर तक सोना,गुस्सा करना,इत्यादि मगर वर्तमान में सबसे बुरी आदत है मोबाइल पे स्क्रोल करना,इसे हममें से सब चाहते है कि इसका इस्तेमाल कम करू, मगर कर नही पाते..)
और सफल लोग, अपनी सफलता के लिए अपनी बुरी आदत को त्याग कर ही देते है,बल्कि सफलता में आड़े आनेवाली अच्छी आदतों को भी त्याग करने से नही हिचकते..
एक आदमी को औसतन कम से कम 6 घंटा सोना चाहिए..मगर जो सफलता के पिपासु है वो सोते नही बल्कि शरीर को आराम देते है(4 घंटा काफी है)
इसी तरह सफल लोग उन रिश्तों को भी पीछे छोड़ देते है,जो उनके सफलता में आड़े आते है..
सफलता बहुत त्याग मांगती है..
और वर्तमान में हम अपनी कमियों को भी त्यागने में सक्षम नही है...।।
हममें से शायद ही कोई होगा जो लता मंगेशकर को नही जानता होगा..
एक इंटरव्यू में उनसे पूछा गया..
अगर आपको फिर से पुनर्जन्म मिले तो क्या आप फिर से लता मंगेशकर बनना चाहेंगी..
उनका जबाब मिला कि जन्म न मिले वो ही बेहतर है, अगर हो भी तो लता मंगेशकर के रूप में न हो..
https://youtu.be/qPKgJnVq6fQ?si=6Bm1O4nOfxG4Bj22
आखिर ऐसा उन्होंने क्यों बोला होगा..??
क्योंकि उनकी त्याग की पराकाष्ठा उस सीमा तक पहुंच गई थी कि वो जन्म-मरण से छुटकारा पाना चाहती थी,या फिर इस तरह के जीवन से..।।
आखिर ऐसी क्या चीज थी जिसने सिद्धार्थ को बुद्ध,वर्द्धमान को महावीर,विष्णुगुप्त को कौटिल्य,
अशोक को देवनामप्रिय,बदरुद्दीन को अकबर,
धनपत राय को मुंशी प्रेमचंद्र ,दिनकर को राष्ट्रकवि,
गांधी को महात्मा, सुभाष को नेताजी,
भगत सिंह को सहीदे-आजम, अंबेडकर को बाबा साहेब , A.P.J.अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन बनाया..
कितनों का नाम लू..
मगर जितने भी लोग को हम आज पढ़ते है,जानते है,उनके विचारों से प्रभावित होते है..
उनके सफलता के पीछे सिर्फ और सिर्फ उनका त्याग था..
जिसने जितना बड़ा त्याग किया दुनिया उसे उसी तरह याद करती है..
हमारा आपका त्याग कभी व्यर्थ नही जाता..
हरेक त्याग का फलीभूति होता ही है..।।
क्या हम अपनी कमियों का त्याग कर सकते है..??
एक मिनट..
क्या हम अपने कमियों को जानते भी है कि नही..??
शायद नही..
कैसे जाने..
आत्ममनन करके ही जान सकते है..
मगर कुछ कमियां जेनेटिकली है, ये सब मे है..
जैसे-काम,क्रोध,मोह,लोभ,हिंसा,ईष्या,द्वेष,डर इत्यादि
ये सब कुछ जीवनयापन के लिए जरूरी है,मगर इसके अति से हमेशा बचना चाहिए..अगर आप अति से न बच पाए तो ये सब चीजें आपके जीवन को इतिश्री की और ले जाएगा..।।
क्या आप तैयार है..??
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