मुझे पेड़ पौधों से लगाव है..
मगर मैं जंहा रहता हूँ,वंहा कई महीनों से सोच रहा था कि एक दो पौधा लगाऊ..
मगर लगा ही नही पा रहा था..
एक दिन मेरे सामने वाली ऑन्टी रूम खाली कर रही थी तो उन्होंने अपने बागवानी के पौधे बांट दिए..
सबो ने अच्छे-अच्छे पौधे चुन के ले लिए..
मैं जब आया तो मेरे हिस्से में एलोवेरा आया..
वो इस अवस्था मे था मानो ऑन्टी के रूम खाली करने का गम और उनसे जुदाई का गम सबसे ज्यादा इसे ही था..।
मुझे जिस अवस्था मे पौधा मिला वो पूर्णतया मृत अवस्था मे ही था,वो पूर्णतया भूरा हो गया था..
मगर मैंने उसकी थोड़ी सेवा भाव की..
कुछ ही दिनों में वो भूरा से हरा हो गया..
वो दो से चार और चार से आठ हो गए है..
गमला पूर्णतया भर गया है..
अब पता ही नही चलता कि इसमें सबसे पुराना पौधा कौन सा है..।।
बस इतना ही नही बल्कि इस गमले से ही 4 सदाबहार के पौधे भी उगे और वो अब खिल रहे है..
मैं और मेरे रूम ऑनर ने तुलसी के पौधे खरीद कर लगाने का भी प्रयास किया मगर नही लगा..
मगर एलोवेरा के गमले से ही तुलसी के पौधे भी निकले जो आज लहलहा रहे है..।।
इसीलिए धैर्य रखिये
प्रयास से परिणाम बदलते है..
अगर आपने धैर्य रखा,
तो आपको वो भी मिलेगा,
जिसकी आपको अपेक्षा नही थी..
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