क्या आपको पता है..भारत मे सर्वाधिक गाली मरने के बाद भी किसे दिया जाता है..
गाँधीजी को..
क्यों..??
क्योंकि वे लोग.. आज भी गुलाम है..
आज भी वो मानसिक रूप से गुलाम है..
वो दूसरों के विचार से प्रभावित होकर गांधी को गाली देते है. क्योंकि उनकी खुद की सोचने और समझने की शक्ति नही है..।।
गांधी को गाली और आलोचना करने का आपको तब अधिकार है जब आप गांधी के बारे में जानते हों..
मगर अफसोस भारत मे एक बहुत बड़ा तबका गांधी को इस रूप में जानता है कि..
- उन्ही के कारण भगत सिंह को फांसी हुई..
- भारत का विभाजन भी उन्ही के कारण हुआ..
•अगर आप भगत सिंह की "मैं नास्तिक क्यों है" पढ़ लेते है तो आप गाँधीजी को भगत सिंह की फांसी के लिए कभी कसूरवार नही मानेंगे...।
• गांधी ही वो सख्श थे जो अंत तक भारत विभाजन का विरोध करते रहें.. अंत मे सरदार वल्लभभाई पटेल ने उन्हें समझाया और कहा बापू अगर हाथ मे घाव हो जाये और उसके कारण सारा शरीर प्रभावित हो तो हाथ काट देना ही बेहतर है..
- भारत के विभाजन के कई कारण थे,इनमें से सर्वाधिक अमेरिका और ब्रिटेन की कूटनीति थी,क्योंकि भारत का झुकाव शुरू से ही रूस के तरफ था..तो रूस को काउंटर करने के लिए एक देश तो चाहिए..जो पाकिस्तान बना..।।
महात्मा गांधी की आज 76वी पुण्यतिथि है..
आज ही के दिन नाथूराम गोडसे ने गांधीजी का निरशंस हत्या कर दिया..
क्यों..??
उसे लगा कि उनके कारण ही देश का विभाजन हुआ..
काश वो गांधी की जगह जिन्ना को मारता तो उसका भी पुतला किसी चौराहे पे होता..।।
गाँधीजी ने एकबार कहा था-
" गांधी मर सकता है,मगर उसका विचार नही "
उन्होंने सही ही कहा था..।।
● आज अनेक देश हिंसा की आग में सुलझ रहे है और उसका एक ही समाधान है... अहिंसा
क्योंकि अगर आप हिंसात्मक तरीके से अगर जीत भी जाते है तो भी ये संभावना बनी ही रहेगी कि अगर दूसरा पक्ष भविष्य में मजबूत हुआ तो फिर हिंसा करेगा..
"अहिँसा ही सबसे बड़ा बल है" - गांधी
● सर्वधर्म समभाव :- आज धर्म के नाम पर उन्माद फैल रहा है ...क्यों..??
क्योंकि हरेक कोई ये साबित करने में लगा है कि मेरा धर्म/पंथ सर्वश्रेष्ठ है..
"सभी धर्म सत्य की खोज की विभिन्न मार्ग है"- गांधी
● सादा जीवन :- आज हरेक 10 में से 8 लोग बीमार है क्यों..?
क्योंकि हम क्या खाएंगे,क्या पियेंगे,क्या पहनेंगे,क्या देखेंगे,क्या खरीदेंगे ये सब हम नही बल्कि बाजार तय कर रहा है..
"सादगी ही सुंदरता है" -गांधी
● स्व-निर्भरता:- हमारे प्रधानमंत्री आज आत्मनिर्भर भारत की बात कर रहे है,और गांधी ने इस बात को आज से 100 साल पहले ही समझ लिया था..
उन्होंने कहा था - "स्वनिर्भरता ही स्वाधीनता की कुंजी है"
● रोजगारपरक शिक्षा :- हमारी नई शिक्षा नीति में इसे अभी शामिल किया जा रहा है,गांधी उस समय रोजगारपरक शिक्षा की वकालत कर रहे थे..
"आधुनिक शिक्षा हमें गुलाम बनाती है"
● कुटीर उद्योग :- जिसे आज हम MSMEs सेक्टर कहते है,गांधी ने कुटीर उद्योग पे जोर दिया और कहा बेरोजगारी की समस्या इसी से ही दूर होगी..
उन्होंने कहा कि कुछ चीजों का उत्पादन का अधिकार सिर्फ इसे ही दिया जाए..।
वर्तमान में MSMEs सेक्टर की हालात खराब है क्योंकि छोटी छोटी चीजो का उत्पादन भी बड़ी कंपनियां कर रही है..।।
● महिला शाक्तिकरण :- हम आज लोकसभा/विधानसभा में आरक्षण के लिए विधयेक पारित किये है..
गांधी जी उस समय से ही महिलाओं की शसक्तीकरण की बात कर रहे थे जब महिलाओं का घर से बाहर निकलना भी बुरा माना जाता था..
आज हमारी नारी शक्ति जो राजनीति में परचम लहरा रही है उसका बीज गांधी ने अपने आंदोलन में ही बो दिए थे..।।
" बिना नारी के सशक्तिकरण के बिना,कोई भी राष्ट्र प्रगति नही कर सकता" - गांधी
● सतत विकास : आज पूरा विश्व जलवायु परिवर्तन के चपेट में है,क्यों..??
क्योंकि हमने प्राकृतिक संसाधनों का आंख बंद करके दोहन करना शुरू कर दिया है..
गाँधीजी ने कहा था-
"प्रकृति हमारी आवश्यकता को पूरी कर सकता है,
मगर हमारी लालच को नही"
आज पूरा विश्व जिन-जिन समस्याओं से जूझ रहा है,हरेक का समाधान गांधी ने पहले ही बतला दिया था..
गाँधीजी ने सही ही कहा था- गांधी मर सकता है,मगर उसका विचार नही..
शायद इसीलिए गांधी आज भी प्रासंगिक है..
आज जरूरत है कि हम गांधी को सिर्फ पढ़े ही नही,उसे जीने की कोशिश करें तब ही शायद एक बेहतर देश और विश्व का निर्माण हो सकता है..