अगर होती तो..
रेगिस्तान में नागफनी नही उगता,
हिमालय की चोटियों पे काई नही जमती..
सागर की गहराइयों में श्रिम्प नही मिलते..
संभावनाएं कभी खत्म नही होती..
अगर होती तो जंगल और कंदरा मे रहने वाले सिंधु सभ्यता का निर्माण न कर पाते..
और जंगलों को काट कर कुटियां बना कर वेद की ऋचा न रच पाते..
अगर होती तो..कोई राजकुमार ना ही..बुद्ध होता
और ना ही महावीर होता..।
यू ही कोई चंदाशोक(चंडाल) से देवानां प्रियदर्शी ना होता..
संभावनाएं कभी खत्म नही होती..
किसने सोचा था की दिल्ली पर सल्तनत का शासन होगा..
किसने सोचा था की सबकुछ खो कर कोई भारत मे मुगल वंश का स्थापना कर लेगा..
किसने सोचा था कि एक कंपनी भारत को गुलाम बना लेगा..
संभावनाएं कभी खत्म नही होती..
इसिलिय तो कई स्वतंत्रता सेनानियों ने खुशी-खुशी जीवन कुर्बान कर दिया तो कइयों ने भारत की आजादी के लिए पूरा जीवन न्योछावर कर भारत को स्वंतंत्र करा लिया..।।
संभवनाएं कभी खत्म नही होती..
भारत लोकतंत्र के रूप में स्वरूप ले ही रहा था कि चीन ने खंजर घोपा फिर पाकिस्तान ने..
हम फिर भी नही रुके..
हम बढ़ते रहे क्योंकि संभावनाएं खत्म नही होती..
हम 90 के दशक में कंगाली के हालात में आ गए थे..
हमने जिससे ऋण लिए आज उसको ही सहयोग कर दूसरों को ऋण दे रहे है..
संभवनाएं कभी खत्म नही होती..
परमाणु परीक्षण के कारण जिस-जिस ने हमसे दूरियां बनाई
आज वो भी गलबहियां कर रहे है..
कभी हम साईकल और बैलगाड़ी पर उपग्रह प्रक्षेपण करने के लिए सामना ढो रहे थे..
तो आज कइयों देशों के उपग्रह प्रक्षेपण कर रहे है..।।
संभावनाएं कभी खत्म नही होती..
अगर होता तो कोई चाय बेचने वाला प्रधानमंत्री न होता..
धारा 370 हटाने और राम मंदिर बनाने का दिवास्वप्न साकार न होता..
संभावनाएं कभी खत्म नही होती..
अगर धैर्य और साहस है..
तो वो सबकुछ मिलेगा जिसका आप अधिकारी है..।।
संभावनाएं कभी खत्म नही होती..
अगर होती तो रेगिस्तान में नागफनी नही उगती..
हिमालय की चोटियों पे काई नही जमती..
सागर की गहराइयों में श्रिम्प नही मिलते..
संभावनाए कभी खत्म नही होती..
Bht khub
जवाब देंहटाएंBhaiya ji
जवाब देंहटाएंधन्यवाद भाई😊
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