प्रकृति का नियम है..
हल्की चीज हमेशा ऊपर उठती है..
और भारी चीज नीचे गिरती है..
इसी तरह आप सफल तब तक नही होंगे..
जब तक आप हल्के न हो जाओ..
उन सारे बेवजह बोझों को उतार फेकना होगा..
जिसे लादे फिर रहे है...
जो आपके जीवन में सहायक नही,
बाधक का काम कर रहे है..।।
बाइबिल में कहा गया है-
जिसकी जितनी बड़ी झोलियां होगी,उसे उतना मिलेगा..।।
मगर निर्णय तो हमें ही करना होगा कि हमें झोलियां में भरना क्या है..।।
आज हम क्या कर रहे है...??
जो मिल रहा है उसे अपने दिमाग रूपी झोली में भरते जा रहे है..
ये न जानते हुए की ये हमारे लिए उपयोगी है भी की नही..।
यही कारण है कि हम अनेक समस्याओं का सामना कर रहे है..
समय आ गया है..
खुद को फॉरमेट तो नही, रीस्टार्ट तो कर ही सकते है..
उन फाइलों को डिलीट करें जो न ही आपके लिए..
और ना ही आपके चाहने वालो की लिए जरूरी है..।।
खाली बचे जगहों में उन चीजों को शामिल करें..
जो आपके जिंदगी के लिए जरूरी है...।।
जेनुअरी का पहला ही संडे है..
पूरा साल बाकी है..
क्या हुआ 1 जेनुअरी का खुद से किया हुआ वादा टूट गया तो..
अभी 51 सप्ताह बाकी है..😊
आज से अभी से एक छोटा कदम उठाते है..
खुद को खाली करने के लिए..
ऊपर उठने के लिए..
और फिर जंहा से उठे है..
वंही बारिश की बूंदों की तरह गिर जाने के लिए..।।
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