गुरुवार, 1 फ़रवरी 2024

मुस्कुराते😊 रहें..क्योंकि..??

दो पेड़ थे एक हरेभरे और एक सूखे..
जब भी कोई चिड़िया थक हारकर आती वो पहले सूखे पेड़ पर आकर रुकती और थोड़ी देर बाद हरे-भरे पेड़ पे चली जाती..।।
क्यों..??
ये सबको पता है..।।

हमसब लोगों के साथ आज यही हो रहा है..
हमसब पेड़ है..
और वो चिड़िया, हमारे चाहने और जानने वाले है..।।

अब निर्णय हमें करना है कि हम परिस्थितियों से कैसे निपटते है, अगर विपरीत परिस्थितियों के कारण हताश और उदास हो गये तो आपके चाहने और जानने वाले आपसे दूरियां बनाना शुरू कर देंगे..।।
वंही अगर आप परिस्थितियों से अच्छे से निपटते है और चेहरे पे एक मंद मुस्कान रखकर बिखेरते है, तो सिर्फ आपके जानने वाले ही नही बल्कि वो भी आपके करीब आएंगे जो आपको नही जानते..।।



निर्णय आपको करना है.. 
उदासी बिखेरना है या फिर मुस्कान..
क्योंकि ये दोनों हमारे हाथ मे है..
मगर परिस्थितियां नही..।।

हम अनजाने में ही आज सूखे वृक्ष की तरह व्यवहार करना शुरू कर दिए है,और हमें पता भी नही चल रहा है..।।
ऐसा नही है कि इससे निपटा नही जा सकता..
- सबसे पहले तो अपने भावनाओं को नियंत्रण में रखें..
                वर्तमान में बड़ा दूभर कार्य है..
- अपने समस्याओं को खुद तक सीमित रखकर दूसरों को आभास न होने दे..
- अगर आप कुछ अच्छा कर रहें है,तो करके भूल जाये,उसकी चर्चा न करें..
- और अंत मे हरेक परिस्थितियों में मुस्कुराते😊 रहे..
क्योंकि आपके मुस्कुराने 😊 से दूसरों के चेहरे पे भी मुस्कान आती है...।।


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