मगर खुद के नजरों में नही..।।
अगर आपको लगता है कि आप अच्छे हो,
और सोचते हो कि..
मेरे साथ ही बुरा क्यों होता है,
जबकि मैं तो किसी के बारे में बुरा नही सोचता,
किसी का बुरा नही करता तो फिर मेरे साथ बुरा क्यों होता है..??
तो फिर से सोचने की जरूरत है..
क्योंकि हम दूसरों के साथ अच्छा तो कर रहे होते है,
मगर खुद के साथ गलत कर रहे होते है..
और हमें पता नही चलता क्योंकि..
कोई निर्णय करने वाला नही है..
की क्या गलत है,क्या सही है..।।
खुद के अंदर झांके..
और अपने साथ जो बुरा कर रहे है,
उसे छोड़ने की कोशिश करें..।।
ये बहुत कठिन प्रक्रिया है,क्योंकि पहले तो आप स्वीकार ही नही करोगे की मैं गलत कर रहा हूँ,दूसरा अगर पता चल भी गया तो आप क्या करोगे..
क्योंकि आपको समझ मे ही नही आएगा कि करना क्या है..।।
करना बस ये ही कि सिर्फ अपनी गलतियों को देखें, और उन गलतियों के कारण को ढूंढें.. समाधान मिल जाएगा..।।
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