वो हटती ही नही..
जब भी किसी और का दीदार करने की कोशिश करू..
तुम्हारी वो छवि मेरे सामने आ जाती है..
तुम्हारी वो मुस्कान मुझे तार-तार कर देती है..
तुम्हारी वो हया मुझे पागल कर देती है...
एक बार नही आजकल कई बार तुम्हारी छवि उभर कर आ जाती है.
मालूम नही क्यों..
तुम्हारी एक छवि मेरे जेहन में बस गई है..
वो हटती ही नही..
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