बाबर का नाम सुनते ही हमारे मन में क्या आता है..??मूलतः हम भारतीय उसे आक्रान्ता ही मानते है..
मगर सही मायने में वो एक योद्धा था जो ताउम्र संघर्ष ही करता रहा..(आप इसे हिन्दू मुस्लिम नजरिये से मत देखिएगा..अगर देखना ही है तो इसके जिंदगी के संघर्ष को देखिए..जिसने सबकुछ खो कर सबकुछ पाया,इसने हरेक परिस्थितियों को स्वीकार किया,न कि परिस्थितियों का रोना रोया)
आपको जानकर हैरानी होगी कि वो काबुल में खुश था..
मगर भारत मे रह रहे शासकों ने ही इब्राहिम लोदी के ऊपर आक्रमण करने के लिए उसे न्योता भेजा..
न्योता भेजने वालों ने सोचा की जितने के बाद वो काबुल चला जायेगा जिस तरह उसके वंसज तैमूर लंग चला गया..
मगर बाबर ने आगरा पर साशन करने की सोची..
मगर आज हम बाबर के उन पहलुओं पे बात करेंगे जिन्हें हम नही जानते ....
जिन पहलुओं ने उसे पादशाह/बादशाह बनाया..
वो ताउम्र संघर्ष ही करता रहा..
इसके पिता फरगना के शासक थे,12 साल की उम्र में इसके पिता की मृत्यु हो गई,और ये 12 वर्ष की उम्र में शासक बना,मगर इसके चाचा ने इसके सक्ता को छीन लिया जिस कारण इसे निर्वासन की जिंदगी जीना पड़ा..
इसने फिर कोशिस की उस क्षेत्र को जीतने की जीत मिली भी मगर फिर कुछ दिनों के बाद फिर उस क्षेत्र को हार गया..
इस बार उस क्षेत्र को छोड़कर हिन्दकुश पर्वत पार कर काबुल आ गया और अपनी सैनिक बना कर उस क्षेत्र पर साशन किया..
फिर पंजाब के साशक दिलावर खां ने अपने बेटे और राणा सांगा ने अपना दूत बाबर के पास भेजा भारत पर आक्रमण के लिए..
बाबर के लिए सुनहरा अवसर था,और इसे उसने भुनाया..
इसने वो सबकुछ पाया जिसकी उसने कल्पना नही किया था..।।
बाबर ने कभी नही सोचा था कि वो भारत का साशक बनेगा,उसने अपना धेय्य और धैर्य बनाये रखा..
और उसे वो सबकुछ मिला जिसका उसने कल्पना तक भी नही किया था..
बाबर की जिंदगी से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है..
● जिंदगी के संघर्ष से बचे नही बल्कि उससे निपटने की कोशिश करें..
क्योंकि संघर्ष से जितना बचने की कोशिस करेंगे संघर्ष का बोझ उतना ही बढ़ता जाएगा,और जिंदगी बोझिल होती जाएगी..।।
●हमेशा अवसर की तलाश करते रहें, और उसे भुनाने की कोशिस करें..
●जीत के लिए जो भी दांव पे लगाना हो लगा दे..
●अपने जीत का श्रेय उन सभी को दे जो आपके जीत को संभव बनाये है..
●समय के साथ हो रहे बदलाव को स्वीकारे..
बाबर के जीत के अनेक कारण था मगर सबसे बड़ा कारण उसका धैर्य था..
अगर उसके पास धैर्य न होता तो सबकुछ खोने के बाद भी सबकुछ नही पा सकता था..
धैर्य और धेय्य हमेशा बनाये रखें..
आपको वो सबकुछ मिलेगा जिसके बारे में आप सोच रहे है...