और निकलते ही मोबाइल से बाहर निकल जाइये..
और प्रकृति से अंगीकार कीजिये..
प्रकृति से नही,
खुद को खुद से अंगीकार कीजिये..
क्योंकि हम कंही खो गए है..
कंहा..??
मोबाइल में..
हमने अपना दायरा सीमित कर लिया है...
कितना..??
खुद तक..
इसीलिए तो छोटे-छोटे समस्याओं से घबरा जाते है..।।
घर से बाहर निकलिए...
आपके हरेक समस्याओं का समाधान होगा..
प्रकृति के पास आपके हरेक समस्याओं का समाधान है..।
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