बुधवार, 25 सितंबर 2024

प्यार की पांति..

वो इस कदर खोई मुझसे..
की फिर उसे ढूंढ नही पाया मैं..
न जाने कंहा खो गई..
उसे फिर ढूंढ नही पाया मैं..

मैं ही नाकाबिल था..
जो ढूंढ नही पाया उसे..

उसके दिल के पास न सही..
उसके घर के इतने पास आकर भी..
उससे इतनी दूरियां होगी..
कभी सोचा नही था..

मैं ही नाकाबिल था..
की उसके काबिल न बन सका मैं..।।

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