सोमवार, 17 मार्च 2025

प्यार की पांति...

तुम बड़ी ईष्यालु हो..
जब भी मेरे करीब कोई आता है..
तुम सरपट दौड़ के चली आती हो..।
आखिर क्यों..??
तुम कंहा हो,कैसी हो..??
मुझे कुछ भी पता नही..
क्योंकि तुम चाहती ही नही..।।
मगर फिर क्यों..??
तुम मेरे जेहन में आती हो..
जबकि मैं तुम्हे याद तक नही करता..
फिर क्यों,
तुम अपनी मौजूदगी मेरे जेहन में दर्ज करती हो..??



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