चलिए आज विश्व पुस्तक दिवस पर कुछ किताब और कहानियों को याद करते है...।
क्या आपको उसकी सुंगंध याद है..??
और क्या-क्या याद है..।।
मुझे वो पुस्तक आज भी याद है..
जिसे मैंने कई बार पलटा और उसके इंक के सुंगंध को कई बार सुंघा..
उस पुस्तक का नाम "बाल भारती" था वो दूसरी क्लास की पुस्तक थी..
इस पुस्तक को देखते ही कई कहानियां याद आ गई..।।
अब आप याद कीजिये..
आपके द्वारा पढ़ी जाने वाली पहली पुस्तक कौन सी थी..??
पुस्तक पढ़ने के कई फायदे है..
मगर अफसोस किताबों से दूरियां बढ़ती जा रही है..और pdf का अंबार इतना लग गया है कि हमें मालूम ही नही की कौन सा pdf किस चीज का है..??
शायद आपके द्वारा पढ़ा गया पहला पुस्तक का नाम याद आ गया होगा...अगर नही तो छोड़िए..
आपने आखरी पुस्तक कौन सी पढ़ी थी या पढ़ रहे है..??
मैं तो गौहर रज़ा का "मिथकों से विज्ञान तक"को पढ़ कर खत्म करने वाला हूँ..
अच्छा आखरी सवाल...
आपको सबसे ज्यादा कौन सी बुक ने प्रभावित किया..जिसे आप फिर से पढ़कर बौर नही होंगे..??
मुझे सबसे ज्यादा प्रभावित ब्रायन ट्रेसी की "लक्ष्य"(Goal) ने प्रभावित किया..और रामधारी सिंह दिनकर की "रशिमरथी" ने..मैं जब भी उदास होता हूँ तो रशिमरथी को पलटता हूँ और ऊर्जा प्राप्त करता हूँ..।।
बस ये आख़री है..
आपको वो पहली कहानी याद है जो आपके मन-मस्तिष्क में अभी तक छपा हुआ है..??
हां मेरे मन मस्तिष्क में छपा हुआ है, 9th क्लास में प्रेमचंद्र की कहानी "ईदगाह"पढ़ी थी..उसका पात्र हामिद आज भी याद है..।।
आज अपनी मनपसंद की किताब और पत्रिका पढ़ना बहुत आसान है..क्योंकि एक क्लिक में वो हार्डकॉपी और सॉफ्टकॉपी में उपलब्ध हो सकता है..
मगर अफसोस हममें पढ़ने की लालसा ही खत्म होती जा रही है...आखिर क्यों..??
खुद सोचियेगा...।।
किताब पढ़ने के अनेक फायदे है...
• यूनिवर्सिटी ऑफ सक्सेस के एक अध्ययन में पाया गया कि सिर्फ 6 मिनेट पढ़ने से 68% तक तनाव कम होता है..यह योग या टहलने से भी ज्यादा असरदार है..।
"पढ़ने से दिमाग काल्पनिक दुनिया मे चला जाता है, जो जीवन की चिंताओं से ध्यान हटाता है,और रक्तचाप कम करता है"
• अगर रोज 20 मिनट पढ़े तो साल के अंत तक 18 लाख शब्दों के संपर्क में आ जाएंगे।जिससे भाषा शैली में सुधार होता है।
एक अध्ययन में पाया गया कि-"किताब पढ़ने से हमदर्दी की भावना जागृत होती है"।
• एक रिसर्च बताती है कि जो लोग किताब पढ़ते है, उनके जिंदगी से तनाव घटता है,नींद बेहतर आता है और भावनात्मक सेहत सुधरता है..यही नही किताब पढ़ने वाले कि उम्र आम लोगों के अपेक्षा 20% ज्यादा होता है..।।
•2013 में न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन के अनुसार,नियमित पढ़ने वालों की यादाश्त बेहतर होती है साथ ही अल्जाइमर का खतरा 20% तक कम हो जाता है..।।
क्या सोच रहे है..
आज आपके हाथ मे सिर्फ मोबाइल ही नही बल्कि विश्व की सबसे बड़ी लाइब्रेरी पड़ी हुई है..सिर्फ सर्च करने तक कि देरी है...।।मगर जो मजा कागजों को पलटते हुए,इंक की सुंगध लेते हुए पढ़ने में जो मजा है,वो किंडल और pdf पढ़ने में नही..।।
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