अगर हां...तो कंहा..??
सोचिए...
आपके अनुसार राम की प्रासंगिकता कंहा है..??
मेरे अनुसार राम की प्रासंगिकता हमारे जीवन को छोड़करके हरेक जगह है..
हमारे जीवन मे अगर राम की प्रासंगिकता अगर बनी हुई है तो वो राजनीतिक कारणों से ही..
या फिर मंदिर में विराजमान होने के कारण..।
या फिर बाजारवाद के कारण ही राम आज प्रांसगिक बने हुए है..
क्योंकि राम के कारण..
कई राजनीतिक पार्टियों की राजनीति चल रही है..
तो कंही राम के कारण बहुत बड़ा बाजार को बढ़ावा मिल रहा है, जिससे कइयों का पेट और आजीविका चल रहा है..।
अक्सरहाँ लोग रामराज की बात करते है..
मगर राम के चरित्र के बारे में कोई बात नही करते..
क्या बिना राम के चरित्र को अनुसरण किये हुए राम राज्य की कल्पना किया जा सकता है..।
आज हममें से अक्सरहाँ लोग राम के चरित्र के बारे में नही जानते...
उनके राम से श्रीराम बनने की यात्रा को नही जानते..
बिना इस यात्रा को जाने हुए क्या हम राम को जान सकते है..??
चलिए राम से श्रीराम बनने की यात्रा को जानते है..
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