जो नियम,कानून,परवरिश और समाज के भय से छुपा रहता है..।
कभी-कभी वो हमारे क्रोध के रूप में बाहर आता है,और फिर कुछ समय बाद वो किसी कोने में दुबक जाता है।
मगर कभी-कभी हमारा क्रोध इतना उग्र हो जाता है की हमारे अंदर छुपा शैतान बाहर आ ही जाता है,और कुछ गलत कर जाता है..जिसकी सजा ताउम्र भुगतनी पड़ती है..।
आजकल तो हमारे अंदर छुपे शैतान को तो अक्सरहाँ बाहर हुलकिया मारने का मौका मिलता रहता है..
और ये मौका सोशल मीडिया दे रहा है..
ये शैतान वंहा पे अपना स्वरूप दिखाता रहता है..।।
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