अगर हां,
तो खुद को पापा के जगह पर रख के देखो..।
पापा आपसे नाराज है..
आखिर क्यों..??
पापा कभी नाराज नही होते,
बल्कि वो अपने संतति को हारते हुए और किसी तरह की कालिख लगते हुए नही देखना चाहते है..।
पापा को हर रोज उनका सामना करना होता है,
जिनसे आप नजरें तक मिलाना नही चाहते..।।
पापा को हर रोज उनका सामना करना होता है,
जो उन्हें हारता देखना चाहते है..
वो जब उनसे नही जीत पाते है,
तो वो उम्मीद अपने संतति से लगाते है..
मगर जब संतति भी उस पे खरा नही उतरता है..
तब सोचो..
उनपे क्या बीतती होगी..।।
अब वो फिर उनसे कैसे नजरें मिलाते होंगे..
उनपे कैसे कटाक्ष का वार होता होगा..।
इस जंहा में सिर्फ पापा ही है,
जो आपको आगे..और आगे..बढ़ते देखना चाहते है..।।
पापा से शिकायत है...??
क्यों..??
पापा की मजबूरियों को समझों..
समाज और परिवार से बंधी बेड़ियों को देखों..
उनपे दायित्व निर्वहन के बोझ को देखों..
इस सारी विपरित परिस्थितियों के बावजूद वो तुम्हारे सुनहरे भविष्य के लिए सपने संजो रहे है...
क्या ये मामूली बात है..।
पापा से शिकायत है..।।
अगर हां...
तो खुद को पापा के स्थान पर रखकर देखों..।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें