शनिवार, 21 जून 2025

मैं रुका नही हूँ..

सब जिंदगी के दौड़ में कंहा से कंहा चले गए..
और मैं..
इस जिंदगी के दौड़ में कंही खो गया..।
दौड़ मैंने भी लगाया था..
मगर कंही पहुंच नही पाया..
एक ऐसे चौराहे पे खड़ा हूँ..
जंहा दलदल में फंसे जा रहा हूँ..
यंहा से हर रोज निकलना चाहता हूं..
मगर फिर इसी दलदल में धसते चला जाता हूँ..।।
एक ऐसी ऊर्जा की जरूरत है..
जो सबकुछ बदल दे..।।
वो ऊर्जा मेरे अंदर ही है..
मगर उसे कैसे विस्फोटित करू यही पता नही है..।।

सब जिंदगी के दौड़ में कंहा से कंहा चले गए..
और मैं..
इस जिंदगी के दौड़ में यंही का यंही रह गया..।
क्वांटम फिजिक्स एक ऐसा विज्ञान है..
जो क्षण में सब कुछ बदल देता है..
इसी क्वांटम मनो-मस्तिष्क की जरूरत है एक बार..
जो सबकुछ बदल कर एक नया स्वरूप दे..।।

सब जिंदगी के दौड़ में कंहा से कंहा चले गए..
और मैं..
इस जिंदगी के दौड़ में यंही का यंही रह गया..।
मुझे अफसोस नही की मैं यही का यही रह गया क्योंकि मैं अभी भी दौड़ रहा हूँ..और दौड़ता रहूंगा..
मगर अफसोस इस बात की है..की मैं कंहा दौड़ रहा हूँ..
जंहा मंजिल का कुछ पता ही नही है..
बस दौड़ रहा हूं, चल रहा हूँ,रेंग रहा हूँ..।।
मगर मैं रुका नही हूँ..।।

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