चाहे हम कोई भी राह चुनें..
भले ही कांटो से सजी राहें हो,
या फिर फूलों से सजी राहें हो..
जोखिम दोनों में ही है..।।
कांटो से सजी राहों को देखकर जो राह बदल लेते है..
वो फूलों से सजी राहों में कंही खो जाते है..।।
ऐसा कोई नही है यंहा..
जिसने फूलों पे सजी राहों पे चलकर नया कीर्तिमान रचा हो..
नया कीर्तिमान रचने के लिए कांटो से भरी राहों से गुजरना ही होगा..।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें