जब आपमें नैतिकता हो..।।
हमें उपदेशात्मक बातें करनी बहुत अच्छी लगती है..
मगर हममें खुद ढेर सारी कमियां होती है..
जबतक इन कमियों को दूर न कर लिया जाय तबतक उपदेशात्मक बातें करनी अच्छी नही है..।।
योग्यता अर्जित की जाती है..
जबतक आपमें योग्यता नही होगी तबतक लोग आपके पास क्यों आएंगे..।।
लोग उन्ही के पास सहायता/मदद के लिए जाते है,
जिनके पास इसके निदान होते है..।।
अक्सरहां लोग रोना रोते है,
अपनी परिस्थितियों के ऊपर..
जबकि आप स्वयं इन परिस्थितियों के लिए जिम्मेदार होते है..।।
हां कुछ चीजें हमारे हाथ में नही होती,
मगर जो कुछ होता है,
हम उसका अनदेखा करते है..।।
चाहे परिस्थितियां कितनी भी बुरी हो..
अगर आपके पास धैर्य है..
और आप आध्यत्मिक है..
तो हरेक समस्या का निदान जरूर होगा..।।
धैर्य रखें..
ये बुरा समय भी टल जाएगा..।
क्योंकि मैंने सिर्फ सूखे पेड़ से कोपल देते ही नही,
बल्कि उसे फलते-फूलते देखा है..।।
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