रविवार, 1 दिसंबर 2024

आप खुद से कितना प्यार करते है..

आपने आखरी बार आयने में खुद को कब देखा था..??
कैसा बेतुकी सवाल है..आपको लग रहा होगा..
मगर मैं, फिर पूछता हूँ आपने आखरी बार खुद को आयने में कब देखा था..??


शायद आपको याद नही हो,या फिर आप अभी भी मेरे सवाल को समझ नही पा रहें होंगे..
चलिए प्रश्न को आसान करते है..
आपने आयने के सामने खुद को देखकर कब मुस्कुराया था..??
और अपने खूबसूरती पे नाज किया था..
थोड़ा याद करें..।।
अगर नही याद आ रहा है तो आप गंभीर स्वास्थ्य समस्या से घिरे होंगे,या घिरने वाले है..
इसीलिए आज से ही आयने में खुद को देखकर मुस्कुराना शुरू कीजिए..

हाल ही में,
मैं लसेन्ट द्वारा प्रकाशित हेल्थ रिपोर्ट पढ़ रहा था..
(Global burdens disease study 1990-2021)

जो मैं यंहा बताने जा रहा हूँ...
आपको जानकर हैरानी होगी कि जितना भी क्रोनिक(खतरनाक) बीमारी है,वो महिला के अपेक्षा पुरुषों में ज्यादा होता है..
कुछ आंकड़ो से समझते है..

• समय से पहले मृत्यु, महिला के अपेक्षा पुरुषों की ज्यादा होती है।
वैश्विक स्तर पर COVID-19 से महिला के अपेक्षा पुरुषों की मृत्यु 45% ज्यादा हुआ..

इसी तरह हृदय (heart) से जुड़े रोगों से मरने वालों पुरुषों की संख्या महिला से 45% ज्यादा थी,जबकि ये यूरोपियन देशों में 49% तक देखा गया..।

वंही मानसिक समस्या से जुड़ा मामला, वैश्विक स्तर पर महिला से ज्यादा पुरुषों में 35% ज्यादा देखा गया।
(गरीब देश मे ये मामला ~50% तक ज्यादा है)

वंही डाइबिटीज के मामले में 1990 के दशक में 1 लाख पर पुरुषों की संख्या महिलाओ से 56 अधिक हुआ करता था,जो  2021 तक बढ़कर 147 हो गया है..।

इसी तरह कैंसर,किडनी,अर्थराइटिस, बैक पैन की समस्या भी महिला के अपेक्षा पुरुषों में ज्यादा है..।।

https://www.healthdata.org/news-events/newsroom/news-releases/lancet-public-health-global-study-reveals-stark-differences

इस रिपोर्ट में अलग-अलग कारण बताए गए है..
मगर आपके अनुसार ऐसा क्यों हो सकता है...
फिर से मैं,वहीं सवाल पूछता हूँ,आपने आखरी बार आयने के सामने कब मुशकुराया था..
सवाल मैं ही जबाब है..

महिलाओं के साथ अच्छी बात ये है कि वो सजने सवरने के लिए आयने के सामने खड़ी होती है,इस सिलसिले में कभी-कभी चेहरे पे मुस्कान आ जाती होगी,और सारा बोझ उत्तर जाता होगा..

मगर हम पुरुषों के साथ ऐसा नही होता,हम तो बाल भी इसलिए छोटा रखते है कि संवारने का झंझट न रहे..
यंही गलती कर जाते है..

कुछ समय निकालिये खुद से प्यार करने के लिए..
क्योंकि जब हम खुद से प्यार करने लगते है,तो सिर्फ बीमारियां ही नही हरेक समस्या खुद-ब-खुद दूर भागने लगती है..।।

विश्वास नही होता..
आयने के सामने जाइये और खुद को देखिए..

मैं जानता हूँ..
अभी भी आयने के सामने में खुद को देखने की जहमत बहुत लोग नही उठा पाएंगे..
आप उनमे से तो नही..
प्लीज उठिए और खुद को आयने में देखिए...
और एक बेहतर भविष्य का निर्माण कीजिये..।।




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