सोमवार, 23 दिसंबर 2024

हम उदास क्यों होते है..

जब भी हम अतीत और भविष्य के बारे में सोचते है तो उदासी खुद-ब-खुद छा जाती है..
चाहे अतीत अच्छा हो या बुरा उदासी छा ही जाती है..



आखिर हम अतीत और भविष्य में क्यों झांकते है..??
क्योंकि जब भी हमारा वर्तमान अनिश्चितताओं से भरा होगा  हम अतीत और भविष्य में झांकेंगे ही..इसे चाहकर भी हम नही रोक पाएंगे...
जैसे भूख लगने पर कुछ भी खा लेते है..
प्यास लगने पर कुछ भी पी लेते है..
भले ही इसका परिणाम कुछ भी हो उसके बारे में हम नही सोचते,
उसी तरह जब भी हमारा वर्तमान अनिश्चितताओं से भरा होगा तो हम वर्तमान और खासकर भविष्य के बारे में कुछ भी सोचेंगे.. चाहे उसका परिणाम कुछ भी हो..
वो अच्छा भी हो सकता है और बुरा भी..।।

आखिर इससे छुटकारा कैसे पाया जाए..??
अपने वर्तमान का आंकलन करें..
आप अभी क्या कर रहे है और क्यों कर रहे है..
जो आप कर रहे है..क्या वो आपको अपनी मंजिल तक ले जा रहा है..
क्या आपको अपनी मंज़िल(लक्ष्य) का भी पता है..??
अगर नही, तो ताउम्र भटकते रहेंगे..
अपने मंज़िल(लक्ष्य) के बारे में इत्मीनान से सोचे भले ही इसके लिए 1 दिन या 1 सप्ताह या फिर 1 महीने का ही समय क्यों न लगे इसपे समय लगाए..
जब आपको अपने मंज़िल का पता चल जायेगा तो आप खुद-ब-खुद अतीत और भविष्य में झलकियां मारना बंद कर देंगे..।।
और आपकी उदासी खुद-ब-खुद बंद हो जाएगी..

हमारे उदासी का सबसे बड़ा कारण हमारा लक्ष्यविहीन जिंदगी है..
इसीलिए अपने लक्ष्य का चयन कीजिये..
और अपने लक्ष्य को पाने के लिए पूरा वर्तमान झोंक दे..
जब आपका वर्तमान पूर्णतया लक्ष्य प्रेरित होगा तब आपके जिंदगी में उदासी के लिए जगह ही नही बचेगा..।


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